AIIMS Cyber Attack : इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने AIIMS Cyber Attack मामले को बड़ी साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि इस साजिश के पीछे किसी बड़े गैंग या किसी देश का भी हाथ हो सकता है। NIA, CIRT, दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। वहीं उनका मानना है कि आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर में कमी की वजह से एम्स में रैनसमवेयर जैसी साइबर अटैक हुई है। ऐसी घटना को रोकने के लिए मंत्रालय एम्स जैसी संस्थाओं के लिए आईटी स्टैंडर्ड तय करने जा रही है।
सख्त गाइडलाइंस जारी करने की तैयारी
IT रिलेटेड सख्त गाइडलाइन्स जारी किये जाएंगे और सिक्योरिटी मैनेजर नियुक्त किए जाएंगे। मंत्रालय की तरफ से भी इस प्रकार की संस्थाओं का आईटी ऑडिट किया जाएगा और बीच-बीच में चेकिंग भी की जाएगी। रैनसमवेयर की वजह से पिछले आठ दिनों से AIIMS के सर्वर हैक थे और इससे ऑनलाइन कामकाज पर काफी इफेक्ट पड़ा था।
Cyber Attack के कारण मरीजों को हुई काफी दिक्कत
AIIMS Cyber Attack के चलते मरीजों को OPD में दिखाने के लिए देर रात लाइन में खड़े होकर नंबर लगाना पड़ रहा था। AIIMS जैसी स्वायत्त संस्थाएं आईटी सेवा के लिए प्राइवेट कंपनियों की सेवा लेती हैं। सेवा देने वाली कंपनियां कई सारे नियम का सख्ती से पालन नहीं करती हैं और इस वजह से ही रैनसमवेयर जैसी घटनाएं होती हैं।
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बनाए जाएंगे स्टैंडर्ड गाइडलाइन्स
मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक अब सरकार से जुड़ी सभी स्वायत्त संस्थाओं के आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक स्टैंडर्ड बनाए जाएंगे और सख्त गाइडलाइंस भी जारी की जाएंगी। मंत्रालय के स्टैंडर्ड व गाइडलाइंस के हिसाब से ही उन्हें अपने आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करना होगा।
पिछले आठ दिनों से राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण,आईटी मंत्रालय के अधीन काम करने वाली इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम, दिल्ली पुलिस, सुरक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) जैसी संस्थाएं एम्स पर होने वाले साइबर अटैक की जांच कर रही है।
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