Monkeypox Virus : मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए WHO भी चिंतित है। अब तक 92 देशों में मंकीपॉक्स के 40 हजार से भी ज्यादा केस सामने आ चुके हैं। भारत में भी मंकीपॉक्स के 10 मामले देखने को मिले हैं। मेडिकल जर्नल द लैंसेट के अनुसार, मंकीपॉक्स से बच्चों और प्रेगनेंट महिलाओं को ज्यादा खतरा है। आइये इस आर्टिकल में जानते हैं मंकीपॉक्स के लक्षण क्या हैं और पहली बार मानवों में मंकीपॉक्स कब पाया गया था।
मंकीपॉक्स से बच्चों और गर्भवती महिलाओं को ज्यादा खतरा
मेडिकल जर्नल द लैंसेट में छपे एक आर्टिकल ‘The Monkeypox outbreak: risks to children and pregnant women’ के अनुसार, मंकीपॉक्स वायरस से बच्चों और गर्भवती महिलाओं को ज्यादा खतरा है। आर्टिकल में बताया गया है कि बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण सेप्सिस (sepsis), केराटाइटिस और निमोनिया, एन्सेफलाइटिस या फैरिंक्स में होने वाले घाव की वजह से सांस से संबंधी परेशानियां झेलने वालों को मंकीपॉक्स का खतरा और ज्यादा है।
मानवों में पहली बार 1970 में आया था मंकीपॉक्स का मामला
मंकीपॉक्स की खोज 1958 में हुई थी जब शोध के लिए रखे गए बंदरों में चेचक जैसी बीमारी होने लगी थी। “मंकीपॉक्स” नाम होने के बावजूद, बीमारी का स्रोत अज्ञात है। ह्यूमन्स यानी मानवों में मंकीपॉक्स का पहला मामला 1970 में सामने आया था। 2022 के प्रकोप से पहले, कई मध्य और पश्चिमी अफ्रीकी देशों के लोगों में मंकीपॉक्स होने की सूचना मिली थी।
क्या है मंकी पॉक्स के लक्षण । symptoms of Monkeypox
मंकीपॉक्स से पीड़ित लोगों को दाने हो जाते हैं जो जननांगों या गुदा पर या उसके पास हो सकते हैं और हाथ, पैर, छाती, चेहरे या मुंह जैसे अन्य जगहों पर हो सकते हैं। मंकीपॉक्स के अन्य लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, सूजी हुई लिम्फ नोड्स, थकावट, मांसपेशियों में दर्द और पीठ दर्द, सिरदर्द और श्वसन संबंधी लक्षण (जैसे गले में खराश, नाक बंद या खांसी) शामिल हो सकते हैं।
मंकीपॉक्स के लक्षण आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के तीन सप्ताह के अंदर शुरू हो जाते हैं। यदि किसी में फ्लू जैसे लक्षण हैं, तो वे आमतौर पर एक से चार दिन बाद चकते होने लगेंगे। मंकीपॉक्स तब तक फैल सकता है जब तक कि दाने ठीक नहीं हो जाते। रोग आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक रहता है।
मंकीपॉक्स किसी को भी त्वचा से त्वचा के संपर्क के माध्यम से फैल सकता है, जैसे-
मंकीपॉक्स से पीड़ित व्यक्ति के मंकीपॉक्स रैश, पपड़ी या शरीर के सीधे संपर्क में आना।
ऐसी वस्तुओं, कपड़ों (कपड़े, बिस्तर या तौलिये) और सतहों को छूना जिनका उपयोग मंकीपॉक्स वाले किसी व्यक्ति द्वारा किया गया हो।
श्वसन स्राव के साथ संपर्क।
इंटिमेट कॉन्टेक्ट भी शामिल है।
मंकीपॉक्स का ट्रीटमेंट
सेंटर फॉर डीसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेन्शन की वेबसाइट https://www.cdc.gov/poxvirus/monkeypox/index.html. के अनुसार, विशेष रूप से मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण के लिए कोई उपचार नहीं हैं। हालांकि, मंकीपॉक्स और स्मालपॉक्स यानी चेचक के वायरस आनुवंशिक रूप से समान हैं, जिसका मतलब है कि चेचक से बचाव के लिए विकसित एंटीवायरल ड्रग्स और टीकों का उपयोग मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण को रोकने और इलाज के लिए किया जा सकता है।
अभी भी शोध कर रहे वैज्ञानिक
मंकीपॉक्स को लेकर वैज्ञानिक अभी भी शोध कर रहे हैं।
किसी में कोई लक्षण न होने पर वायरस फैल सकता है या नहीं।
मंकीपॉक्स कितनी बार श्वसन स्राव के माध्यम से फैलता है।
क्या मंकीपॉक्स वीर्य, योनि द्रव, मूत्र या मल के माध्यम से फैल सकता है।