Suspension Bridges of India : मोरबी ब्रिज हादसे के बाद से ही देश भर में इस तरह के पुलों को लेकर चार्चाएं तेज हो गई हैं। इस तरह के पुलों को सस्पेंशन ब्रिज (Suspension Bridge) कहा जाता है। यह जानना दिलचस्प होगा कि आखिर सस्पेंशन ब्रिज होता क्या है, ये बनाया कैसे जाता है और, ये किसी अन्य ब्रिज से कितना अलग है। और देश में इस तरह के सस्पेंशन ब्रिज और कहां-कहां स्थित है।
क्या है सस्पेंशन ब्रिज या झूला पुल
किसी भी नदी, नहर या समुद्र के बीच में कुछ ऐसे पुल होते हैं, जो बिना पिलर के बने होते है। इन पुलों को बनाने के लिए पिलर की जगह केबल का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे पुलों को Suspension Bridge कहा जाता है। इसे हैंगिंग ब्रिज (Hanging Bridge) भी कहा जाता है। 1800 के दशक में इस तरह के ब्रिज काफी ज्यादा बनाए गए थे।
Suspension Bridge ज्यादातर बहाव वाली नदियों के ऊपर बनाया जाता है। इस तरह के ब्रिज में नदी के अंदर कोई भी पिलर या बेस नहीं बनाया जाता है। सस्पेंशन पुल में 70 से 75 परसेंट केबल का काम होता है। इनमें हजारों छोटे-छोटे तार लगे होते हैं, जिन्हें जोड़कर बड़ी केबल बनाई जाती है। लॉन्ग स्पैन के लिए इस तरह के पुलों का निर्माण किया जाता है। ये पुल काफी लंबे समय तक चल सकते हैं।
इन 5 हिस्सों में बना होता है Suspension Bridge
Suspension Bridge को आसान भाषा में समझा जाए तो सिमेंट के दो पिलर नदी के किनारे लगाए जाते हैं, जबकि बाकी पूरा ब्रिज लोहे के केबल पर टिका होता है। सस्पेंशन ब्रिज में डेक, टावर, टेंशन, फाउंडेशन और केबल अहम पार्ट्स होते हैं। डेक ब्रिज के आखिरी हिस्से को कहते हैं। डेक के आगे टावर लगाया जाता है, जो ब्रिज के बेस की तरह काम करता है, डेक दोनों किनारों पर बना होता है। टेंशन ब्रिज के तार को कहा जाता है, जो एक टावर से दूसरे टावर पर बंधा होता है।
भारत में यूं तो सैंकड़ों सस्पेंशन ब्रिज है, पर हम आज उनमें से कुछ सबसे फेमस ब्रिज के बारे में जानेंगे, जहां लोगों की भीड़ भी होती है और ये सस्पेंशन ब्रिज अपने आप में एक मिसाल हैं।
भारत का सबसे बड़ा Suspension Bridge
उत्तराखंड में बना डोबरा-चांठी ब्रिज भारत का सबसे बड़ा सस्पेंशन ब्रिज है। इस ब्रिज की टोटल लंबाई 725 मीटर है। इसमें 440 मीटर सस्पेंशन ब्रिज हैं। इस ब्रिज का निर्माण कार्य साल 2006 में शुरू हुआ था, जो 2014 में पुरा हुआ।
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लक्ष्मण झूला
भारत के सबसे फेमस Suspension Bridge में से एक लक्ष्मण झूला भी उत्तराखंड में स्थित है। यह पुल 450 फीट लंबा और 5 फीट चौड़ा है। लक्ष्मण झूला, तपोवन क्षेत्र में एंट्री का एकमात्र साधन है। दुनिया भर से टूरिस्ट लक्षमण झूला को देखने और इसकी फोटग्राफी करने आते रहते हैं। इंटरनेट पर आपको इसकी एक से एक फोटोज़ मिल जाएंगी। यह पुल 92 साल पुराना है, और सरकार टाइम टू टाइम इसकी रिपेयरिंग करवाती रहती है।
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कोटा हैंगिंग ब्रिज
कोटा बाईपास के पास चंबल नदी पर बने इस ब्रिज का निर्माण कार्य साल 2007 में शुरु हुआ। साल 2017 में ये ब्रिज बनकर तैयार हुई। ब्रिज की सड़क के नीचे डेक बना हुआ है। इसके अंदर 2.5 मीटर चौड़ा ऊंचा टनल होलो सेक्शन है। इस ब्रिज के निर्माण के दौरान साल 2009 में ब्रिज के दूसरी ओर निर्माणाधीन पिलर गिर गया था, जिसमें 40 से ज्यादा मजदूरों की मौत हो गई थी।
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राम झूला ब्रिज
उत्तराखंड में त्रषिकेश में राम झूला ब्रिज 1986 में बना था। इसकी लंबाई 230 मीटर है और इसकी वेट कैपेसिटी 220 किलो वर्ग मीटर है। उत्तराखंड सरकार ने वर्तमान में इसकी खराब हालत को देखते हुए पिलर की जांच शुरू कर दी है।
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भारत में बने अन्य फेमस सस्पेंशन ब्रिज-
इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश में बना लोहित रिवर
अरुणाचल प्रदेश में ही बना वालॉन्ग ब्रिज
केरल में तेनमला स्वे ब्रिज
डार्जलिंग ब्रिज
व्यास नदी पर 1877 में बना विक्टोरिया ब्रिज
केरल का पुनालुर ब्रिज, इसकी लंबाई 122 मीटर है।
बंगाल में बना विद्यासागर सेतु और रवींद्र सेतु भी भारत के फेमस ब्रिजों के लिस्ट में शामिल हैं।
Credit – Wikipedia
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