Lok Sabha Election 2024 : 2024 के लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से ही प्रचार-प्रसार तो थम गया पर, असली अग्नी परीक्षा की घड़ी नजदीक आ रही है। इस बार का चुनाव कई दिग्गज नेताओं का भविष्य लिखेगा। उनकी साख बचेगी या बिगड़ेगी ये तो चुनाव के नतीजे ही बताएंगे। 2024 के महासंग्राम (Lok Sabha Election 2024) में इन 6 नेताओं पर पूरे देश की निगाह बनी है और रहेगी। क्योंकि किसी ने जो कहा वो कर के दिखाया। वहीं किसी को उसकी ही पार्टी से बेदखल कर दिया गया। कोई अपनी विरासत बचाने की जद्दोजहद में हौ तो कोई अपने पार्टी का अस्तित्व।
Lok Sabha Election 2024 में इन नेताओं पर रहेगी खास नजर
नरेन्द्र मोदी – नाम और काम दोनों बोलता है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 73 साल के हैं। मोदी के बारे में कहा जा सकता है कि बस नाम ही काफी है। और ये नाम ऐसे ही नहीं बना। इसके पीछे उनका काम भी है जो उन्होंने पिछले दो दशक से भी ज्यादा समय में गुजरात का मुख्यमंत्री और देश का प्रधानमंत्री रहते हुए किया है। इसी के दम पर वह देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के रिकार्ड की बराबरी करने के लिए लगातार तीसरी जीत की तरफ बढ़ रहे हैं।
अमित शाह- जो वादा किया वो निभाया भी
BJP के चाणक्य कहे जाने वाले और भाजपा को संगठन के रूप में पहले से ज्यादा मजबूत बनाने। चुनाव के लिए अचूक रणनीति की बात करेंगे तो एक ही नाम दिमाग में आएगा। वह है केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह। अमित शाह के गृह मंत्री रहते हुए ही जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया गया। 3 तलाक पर प्रतिबंध लगा। और हाल ही में CAA को पूरे देश में लागू किया गया।
नितिन गडकरी- मेरा काम ही मेरी पहचान
नितिन गडकरी भाजपा सरकार के उन मंत्रियों में से एक हैं जो सरकार के काम को पुख्ता बनाते हैं। देशभर में तेजी से बन रहे हाइवे को देखकर अब तो जनता भी कहने लगी है कि काम हो तो नितिन गडकरी जैसा। गांव की गलियों से लेकर देश की सीमा तक सड़कों का जाल तेजी से बिछ रहा है, जिससे मोदी सरकार की छवि तेजी से काम करने वाली सरकार की बनी है।
राहुल गांधी – भारत जोड़ो न्याय यात्रा की परीक्षा
2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। यहां तक कि वह अमेठी से खुद भी हार गए थे। हालांकि वायनाड से जीतकर उन्होंने अपनी लोकसभा सदस्यता बचा ली। ऐसे में इस बार सवाल है कि क्या वह अमेठी लौटेंगेव ? उन्होंने कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकाली, लेकिन तीन तीन राज्यों में चुनावी हार ने इस पर सवालिया निशान खड़ा कर दिए हैं। भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल कर राहुल गांधी इस बार चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में कांग्रेस को कितनी सीटें जितवाते हैं यह तो वक्त ही बताएगा।
अखिलेश यादव – पार्टी का अस्तित्व बचाने मैदार में उतरेंगे
भाजपा को हराने के लिए एक बार फिर अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में गठबंधन का सहारा लिया है। हालांकि हाल ही में सपा को जयन्त सिंह की रालोद के एनडीए में लौट जाने से झटका भी लगा है। पिछले लोकसभा चुनाव में सपा ने बसपा के साथ गठबंधन किया था और पांच सीटें जीती थीं। इस बार (Lok Sabha Election 2024) अखिलेश के सामने अपनी सीटें बढ़ाने की चुनौती है और अपने पार्टी का अस्तितव बचाने का मौका।
उद्धव ठाकरे – विधायक भी गए सरकार भी गई और पार्टी भी
महाराष्ट्र में शिवसेना का मतलब ठाकरे हुआ करता था। मगर उद्धव ठाकरे ने जैसे ही भाजपा को छोड़ कांग्रेस का दामन थामा उनकी विधायक और सरकार तो गई ही। उनकी पार्टी भी उनसे छिन गई। अब उनकी पार्टी का नाम है शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे की क्या रणनीति रहेगी इस पर सबकी नजर रहेगी।
शरद पवार – भतीजे ने दिया दगा
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार का हाल भी उद्धव ठाकरे जैसा ही है। उनके भतीजे अजित पवार ने शिवसेना (शिंदे गुट) से हाथ मिला कर राज्य (कांग्रेस, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) की सरकार को गिरा दिया। अब देखना होगा शरद पवार लोकसभा चुनाव में भतीजे के खिलाफ क्या रणनीति अपनाते हैं।
Courtesy – Dainik Jagran
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