Whale Ambergris : DRI (राजस्व खुफिया निदेशालय) ने व्हेल की उल्टी (एम्बरग्रीस) तस्करी के रैकेट का भंडाफोड़ किया। DRI ने तमिलनाडु के तूतीकोरिन तट पर 18.1 किलोग्राम एम्बरग्रीस जब्त किया, जिसकी काला बाजारी में कीमत लगभग 31.67 करोड़ रुपये है। एम्बरग्रीस (Whale Ambergris) काले रंग का एक ठोस पदार्थ होता है और मोम से बने पत्थर की तरह दिखता है। पर ये इतनी महंगी क्यों होती है, और इसके इस्तेमाल किस चीज में किया जाता है, आईये जानते हैं।
एम्बरग्रीस (व्हेल उल्टी) स्पर्म व्हेल से प्राप्त एक पदार्थ है, जो वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची II के तहत एक संरक्षित प्रजाति है। एम्बरग्रीस को रखना, एक्सपोर्ट या इंपोर्ट करना अपराध है।
एम्बरग्रीस यानी व्हेल की उल्टी क्या होता है
व्हेल एम्बरग्रीस (Whale Ambergris) यानी की व्हेल की उल्टी। इसकी कीमत बाजार में 1 करोड़ से भी अधिक है। व्हेल की उल्टी को फ्लोटिंग गोल्ड कहा जाता है।
व्हेल की उल्टी का इस्तेमाल किसमें होता है
व्हेल के आंत से निकलने वाली एम्बरग्रीस से एक गंध निकलती है। परफ्यूम बनाने वाली कंपनियां इसका इस्तेमाल परफ्यूम में करती हैं। क्योंकि, एम्बरग्रीस परफ्यूम की खुशबू को लंबे समय तक बरकरार रखने में मदद करता है।
परफ्यूम बनाने के अलावा एम्बरग्रीस (Whale Ambergris) का इस्तेमाल दवाओं के लिए भी किया जाता है। इसी वजह से इसकी कीमत बाजार में इतनी ज्यादा महंगी है।
पिछले दो सालों में, DRI ने कुल 40.52 किलोग्राम एम्बरग्रीस जब्त किया है, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 54 करोड़ रुपये है। DRI ने केरल और तमिलनाडु से चार लोगों को गिरफ्तार किया है जो एम्बरग्रीस तस्करी रैकेट में सक्रिय रूप से शामिल थे। वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
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