Dhanvantri Jayanti : धनतेरस के दिन आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि (Dhanvantri) के पूजन के साथ दीपावली का त्यौहार शुरु हो जाता है। भारत सरकार इस दिन को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाती है। यानी आज धनतेरस (Dhanteras) के दिन धन्वंतरि जयंती भी है। कम लोग ही जानते हैं कि धनतेरस आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि की स्मृति में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पृथ्वी में उनका अवतरण समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश हाथ में लेकर हुआ था, पर क्या आप जानते हैं भगवान धन्वंतरि का काशी (वाराणसी) से क्या कनेक्शन (connection) है। अगर नहीं पता तो आपको बता दें, कि वाराणसी के दारानागर (मध्यमेश्वर) में मृत्युंजयमहादेव मंदिर में जो कुआं है, उस कुएं का नाम धन्वंतरि कूप है। भगवान शिव के दर्शन करने के बाद हर लोग इस कुएं का पानी जरूर पीते हैं।
क्या है धन्वंतरि कूप की पौराणिक मान्यता
पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत काल में राजा परीक्षित को डसने जा रहे नागराज तक्षक और राजा परीक्षित को बचाने जा रहे आयुर्वेदाचार्य भंगवान धन्वंतरि (Dhanvantri) की भेंट काशी के मध्यमेश्वर क्षेत्र स्थित मृत्युंजयमहादेव मंदिर के तीसरे खंड परिसर में प्राचीन कूप के पास हुई थी। मान्यता है कि इस कुएं का पानी पीने से कई रोगों से मुक्ति मिलती है।
मान्यताओं के अनुसार दोनों ने यहीं अपने प्रभाव का परीक्षण किया। अपने विष दंश से हरे भरे पेड़ को खत्म कर देने वाला तक्षक यह देखकर हैरान रह गया कि भगवान धन्वंतरि ने अपने आयुर्वेद औषधि से उस पेड़ को पुन: हरा-भरा कर दिया। फिर नगराज तक्षक ने छल से धन्वंतरि को पीठ पर डस लिया, ताकि वह औषधि का वहां पर लेप न कर सकें। कथा के अनुसार भगवान धन्वंतरि ने अपनी औषधियों की मंजूषा इस कूप में ही डाल दी, जिसे काशी में आज धन्वंतरि कूप कहा जाता है।
काशी में है भगवान धन्वंतरि का मंदिर
काशी के सुड़िया में वैद्यराज आवास स्थित भगवान धन्वंतरि (Dhanvantri) का मंदिर है। मंदिर का पट दर्शनार्थिनयों के लिए सिर्फ धनतेरस के दिन ही कुछ ही घंटों के लिए खुलता है। काशी के राजवैद्य स्व. पंडित शिव कुमार शास्त्री के धन्वंतरि निवास में स्थापित देश की अकेली भगवान धन्वंतरि की अष्टधातु की मूर्ति करीब 325 साल पुरानी है।
Q भगवान धन्वंतरि कौन हैं ?
Ans – हिन्दू धर्म की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार धन्वंतरि भगवान विष्णु के अवतार हैं। धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक भी कहा जाता है। पृथ्वी लोक में इनका अवतरण समुद्र मंथन के वक्त हुआ था।
Q भगवान धन्वंतरि का मंदिर कहां हैं?
Ans – वाराणसी के सुड़िया में भगवान धन्वंतरि (Dhanvantri) का मंदिर है, जो साल में एक बार सिर्फ धनतेरस पर खुलता है। इस मंदिर में भगवान धन्वंतरि की अष्टधातु की मूर्ति स्थापित है। वाराणसी में ही गोलघर की गली में स्थित भगवान धन्वंतरि का एक और मंदिर है, जहां धनतेरस के दिन दर्शनार्थियों को धान और एक का सिक्का प्रसाद के रूप में दिया जाता है।
Q धनवंतरी नाम का मतलब क्या है?
Ans – धन्वंतरि नाम का मतलब ‘देवताओं का चिकित्सक’ होता है।