Charge Sheet on Brij Bhushan : दिल्ली पुलिस ने महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर गुरुवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दायर (Charge Sheet on Brij Bhushan) किया। वहीं, दिल्ली पुलिस ने एक नाबालिग पहलवान के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह को क्लीन चिट दे दी है। चलिए जानते हैं वो 5 कारण जिसके चलते बृजभूषण को क्लीनचिट मिल गई।
बृजभूषण को क्लीनचिट मिलने के 5 कारण
- पॉक्सो एक्ट मामेल में नाबालिग पहलवान और उसके पिता के बयान बृजभूषण सिंह के खिलाफ नहीं मिलें।
- जांच के दौरान दिल्ली पुलिस को पॉक्सो एक्ट मामले में कोई टेक्निकल एविडेंस नहीं मिलें।
- सबसे बड़ी बात, सिर्फ 1 ही अखाड़े के सारे पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ बयान दिए हैं, इसके अलावा कोई अन्य सॉलिड एविडेंस भी नहीं।
- पॉक्सो एक्ट मामले में आरोप को साबित करने के लिए कोई पर्याप्त ऑडियो-वीडियो और फोटो नहीं उपलब्ध कराए गए।
- इसके अलावा नाबालिग पहलवान द्वारा लगाए गए आरोपों पर बृजभूषण के खिलाफ कोई फॉरेन्सिक प्रूफ भी नहीं मिले।
बृजभूषण पर लगे आरोपों, पर किस धारा में कितनी सजा का प्राविधान
Charge Sheet on Brij Bhushan
धारा 354 : जो कोई भी किसी महिला पर हमला करता है या आपराधिक बल का प्रयोग करता है, उसका अपमान करने का इरादा रखता है या यह जानता है कि इससे उसकी लज्जा भंग होने की संभावना है।
सजा – 1 से 5 साल तक की सजा हो सकती है। जुर्माना भी लगाया जा सकता है। ये एक गैर-जमानती अपराध है।
धारा 354 (A) – सेक्सुअल हैरेसमेंट और सेक्सुअल हैरेसमेंट के लिए सजा
किसी महिला को गलत तरह से छूना (Touch), जबरन शारीरिक संबंध बनाने की बात करना
महिला की इच्छा के बिना जबरदस्ती उसे अश्लील सामग्री दिखाना
सेक्सुअल हैरेसमेंट से संबंधित कमेंट करना
सजा – ऐसा करने पर दोषी व्यक्ति को 3 साल तक सश्रम कारावास की सजा हो सकती है। जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
धारा 354 (D) – महिला का पीछा करना महिला के बार-बार मना करने पर भी उससे कॉन्टेक्ट बनाने की कोशिश करना।
सजा – दोष सिद्ध होने पर 3 साल तक कैद की सजा हो सकती है। जुर्माना भी लगाया जा सकता है। दोबारा इसी अपराध का दोषी पाए जाने पर 5 साल तक की सजा और जुर्माना (Penality) भी लग सकता है।
WFI के सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ भी धारा 506 (1) और धारा 109 और धारा 354 और 354ए के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है।
धारा 506 (1) : आपराधिक धमकी के लिए सजा। जो कोई भी आपराधिक धमकी का अपराध करता है, उसे दो साल तक या उससे अधिक की सजा या जुर्माना, या दोनों के साथ दंडित किया जाता।
धारा 109 : किसी अपराध के लिए किसी को उकसाना। इस तरह के उकसाने की सजा के लिए इस संहिता द्वारा कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं किया गया है। ऐसे में सजा उस अपराध के होश से तय होती है, जो अपराध किया गया है।
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