APJ Abdul Kalam Lane : दिल्ली से अब औरंगजेब का नाम मिट गया है। जी हां, जिस दिल्ली में मुगल सल्तनत के बादशाह औरंगजेब ने अपना राज्याभिषेक कराया था, अब उसके नाम की आखिरी लेन का नाम भी बदल दिया गया है। अब इसे डॉ एपीजे अब्दुल कलाम लेन (APJ Abdul Kalam Lane) के नाम से जाना जाएगा।
साल 2015 में औरंगजेब रोड का नाम बदला गया था, पर लेन का नाम नहीं बदला गया था। गुलामी के प्रतीकों को मिटाने की दिशा में बुधवार को नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने इसकी मंजूरी दे दी है। डीयू के इतिहास विभाग के प्रोफेसर मनीषा चौधरी ने कहा औरंगजेब के नाम की कोई इमारत दिल्ली में नहीं है। औरंगजेब ने लाल किला के आगे दो दरवाजे जरूर बनवाए थें, पर उनका नाम खुद के नाम पर नहीं रखा था।
औरंगजेब का मकबरा भी औरंगाबाद में है। एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने बताया कि काउंसिल के बैठक में लेन का नाम बदलने के प्रस्ताव को पारित किया गया था। एपीजे अब्दुल कलाम रोड और पृथ्वीराज रोड को जोड़ने का काम यह लेन करती है। एक सवाल पर सतीश उपाध्याय ने कहा कि फिलहाल अन्य सड़कों के नाम बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है, पर अन्य जो भी सड़कें गुलामी की प्रतीक हैं उनके नाम बदले जाएं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी गुलामी के प्रतीकों को खत्म करने का अव्हान किया है।
जब BJP अध्यक्ष ने की थी 6 सड़कों के नाम बदलने की मांग
10 मई 2022 को BJP के तत्कालनी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने एनडीएमसी के चेयरमैन को पत्र लिखकर लुटियंस दिल्ली की 6 सड़कों के नाम बदलने की मांग की थी। उन्होंने औरंगजेब लेन का नाम डॉ एपीजे अब्दुल कलाम लेन (APJ Abdul Kalam Lane) करने, तुगलक रोड का नाम गुरु गोविंद सिंह मार्ग, अकर रोड का महाराणा प्रताप रोड, हुमायूं रोड का नाम महर्षि वाल्मिकी रोड और शाहजहां रोड का नाम जनरल बिपिन सिंह रावत रोड करने की मांग की थी।
मुंबई में बांद्र-वर्सोवा सी लिंक वीर सावरकर सागरी सेतु के नाम से जाना जाएगा
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने डिसाइड किया है कि निर्माणधीन मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक को अटल सेतु के नाम से जाना जाएगा। इसी तरह 2026 में तैयार होने वाला बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक वीर सावरकर सागरी सेतु के नाम से जाना जाएगा। CM एकनाथ शिंदे ने बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि मुंबई को वी मुंबई से जोड़ने वाला 21.8 किलोमीटर लंबा मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक इस साल के अंत तक तैयार हो जाएगा।
इसका 95 परसेंट काम पूरो हो गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंधे के अनुसार, इस समुद्री पुल को अटल सेतु नाम देने का निर्णय लिया गया है। 6 लेन के इस सेतु के खुल जाने के बाद मुंबई से नवी मुंबई और पुणे की ओर जाना बहुत आसान हो जाएगा। इसके अलावा बांद्रा-वर्ली सी लिंक की तर्ज पर बन रहे बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक का नामकरण वीर सावरकर सागरी सुते करने का निर्णय भी मंत्री मंडल बैठक में हो चुका है।
इसके 2026 तक तैयार होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसकी लंबाई 9.6 किलोमीटर होगी। औरंगाबाद में मराठवाड़ा मुक्ति का एक स्मारक भी बनाने का निर्णय लिया गया है। स्मारक पर 210 करोड़ खर्च किये जाएंगे।
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