Right to Repair : आपका फ्रीज, टीवी, वाशिंग मशीन, RO सिस्टम या कोई भी इलॉक्ट्रॉनिक डिवाइस खराब होता है तो, कंपनियां उसकी मेंटेनेन्स और रिपेयरिंग को लेकर आपको अब अंधेरे में नहीं रख सकती है। राइट टू रिपेयर (Right to Repair) के तहत हर उपभोक्ता को अधिकार है कि कंपनी अपने ग्राहक को खरीदे गए इलेक्ट्रॉनिक होम एप्लियांसेस के मेन्टेनेंस और रिपेयरिंग के पूरे प्रोसेस की जानाकारी दे। उपभोक्ताओं (consumers) के खरीदे डिवाइसेस के बारे में संबंधित कंपनियों को पूरी डीटेल देनी होगी, जिसमें उनके खराब होने के बाद डिवाइस की रिपेयरिंग सेंटरों के साथ उसमें लगने वाले ऑप्शनल उपकरणों के बारे में डीटेल जानकारी देनी होगी।
ताकि कन्ज्यूमर न हो सके ठगी का शिकार
इसके लिए 24 से अधिक कंपनियों को नोटिस जारी कर टाईम पर पूरा ब्यौरा देने को कहा गया है। इस तरह की सारी जानकारी कंपनी को अपनी वेबसाइट पर देने के अलावा केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय (Union Ministry of Consumer Affairs) को इसका लिंक भी देना होगा। Ministry of Consumer Affairs के सचिव रोहित कुमार सिंह के अनुसार, उपभोक्ताओं के महंगे इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिकल डिवाइसेस के मेन्टेंनेंस और रिपेयर की जानकारी होना उसका अधिकार है (Right to Repair)। उसे इसकी सरल जानकारी होनी चाहिये, ताकि वह ठगी का शिकार न हो सके।
फायदा उठाते हैं रिपेयर करने वाले
कन्ज्यूमर को ये नहीं पता होता कि महंगी टीवी के स्क्रीन के खराब होने पर उसमें कौन सी चिप लगेगी और वह कितने की होगी। घर में लगी आरओ मशीन के कैंडल खराब होने पर यह नहीं पता होता कि इसमें कौन सा कैंडल लगेगा और उसका रेट क्या है। कन्ज्यूमर को Right to Repair के बारे में भी नहीं पता होता, जिसका फायदा रिपेयर करने वाले उठाते हैं। कंपनियों के अपने रिपेयर सेंटर कहां है, इसका भी ब्यौरा देना होगा।
बड़ी कंपनियों से मांगी गई रिपेयर सेंटरों की लिस्ट
मिनिस्ट्री ने एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स (LG Electronics), सैमसंग (Samsung), सोनी (Sony), माइक्रोमैक्स इनफारमेटिक्स (Micro Informatics), डाइकिन (Daikin), ब्लू स्टार (Blur Star), यूरेका फोर्ब्स (Eureka Forbes), इनटेक्स (Intex), हिताची इंडिया (Hitachi India), केंट आरओ सिस्टम (Kent RO), पैनासोनिक (Panasonic), बीएसए हाउसहोल्ड (BSA Household), हैवेल्स (Havels), माइक्रोटेक इंटरनेशनल (Mircotek), ओरियंट इलेक्ट्रॉनिक्स (Oriental Electronics), ऊषा इंटरनेशनल (Usha International) और बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स (Bajaj Electronics) को नोटिस भेजकर उनकी मेंटेनेंस और रिपेयर (maintenance and repair) के प्रोसेस और सेंटरों के नाम पूछे हैं।
एग्रिकल्चरल मशीनरी वाली कंपनियों को भी भेजा जाएगा नोटिस
दूसरे फेज़ में ट्रैक्टर मैन्यूफैक्चर्रर्स के साथ एग्रिकल्चरल मशीनरी बनाने वाली कंपनियों को भी नोटिस भेजा जाएगा, जिसमें उनसे जुताई से लेकर अन्य सभी तरह की कृषि मशीनरी की रिपेयरिंग सेंटर की लिस्ट के साथ उसमें लगने वाले उपकरणों के रेट भी पूछे जाएंगे।
प्रोडक्ट्स में बदले जाने वाले उपकरणों के रेट भी बताने होंगे
Right to Repair के तहत कन्ज्यूमर कंपनियों को अपने प्रोडक्ट्स में बदले जाने वाले उपकरणों के रेट भी बताने होंगे, ताकि उपभोक्ताओं को सब पता चल सके। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर ऐसी भी कम्प्लेन मिलती है, जिसमें कई ऐसे उपकरण भी है, जिनमें मामूली खराबी को भी ठीक करना पॉसिबल नहीं होता। कंपनियां ऐसी कम्प्लेन के निपटारे के लिए आगे आएं और इसकी अधिकृत सूचना अपने वेबसाइट के साथ उपभोक्ता मामले मंत्रालय को भी लिंक करे।
Courtesy – Dainik Jagran
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