Bomb Cyclone : आर्क्टिक तूफान के कारण अमेरिका में 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। अमेरिका के कई इलाकों में माइनस 45 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया है। वहीं जापान के बड़े हिस्से में भी भारी बर्फबारी के कारण कम से कम 17 लोग की मौत हो चुकी है। सड़कों और घरों की बिजली गायब है। इस्ट अमेरिका के ज्यादातर इलाकों में बॉम्ब साइक्लोन (Bomb Cyclone) और ब्लिजार्ड के कहर ने लोगों की डेली लाइफ उलट-पुलट कर दी है। पर क्या है ये बॉम्ब साइक्लोन और ब्लिजार्ड जिसने अमेरिका में इतनी तबाही मचा दी है, चलिए जानते हैं।
Bomb Cyclone को USA के कुछ हिस्सों में Silver Melting के नाम से भी जाना जाता है। इसमें बर्फीले तूफान में पानी की जगह बर्फ या ओलों की बारिश होती है। Temperate Climate वाले क्षेत्रों में बर्फ का ये तूफान (Bomb Cyclone) सिर्फ ठंड के मौसम में ही नहीं बल्कि उससे पहले और बाद में भी आते रहते हैं। ऐसा तूफान पहले भी जापान और अमेरिका में देखा जा चुका है।
क्या है Bomb Cyclone ?
जब हवा का सेंट्रल प्रेशर 24 घंटे के अंदर कम से कम 24 मिलीबार गिरा हो तो मौसम की उस स्थिति को बॉम्ब चक्रवात (Bomb Cyclone) कहते हैं। दबाव जितना कम होता है तूफान की रफ्तार उतनी ही तेज होती जाती है। मौसम वैज्ञानिक इसे बॉम्बोजेनेसिस भी कहते हैं। ये तीव्र तूफान भारी वर्षा और बहुत तेज हवाएं लाते हैं। ये हरिकेन (Hurricane) से अलग होता है। बॉम्ब साइकलोन बनने के लिए समुद्र के गर्म पानी की जरुरत नहीं होती। ये जमीन के साथ-साथ समुद्र में भी दिखाई दे सकती है। इस दौरान भारी बर्फबारी, बारिश, तेज ठंडी हवाएं और आंधी भी आती है।
क्या होता है Blizzard ?
बर्फीले तूफान में जब तेज़ हवाएं भी चलती हैं और बहुत ज़्यादा बर्फ गिरती है, तो उसे ब्लिज़ार्ड कहा जाता है। 1888 से 1947 के बीच और 1990 के दशक में अमेरिका में कई बार इस तरह के ब्लिज़ार्ड रिकॉर्ड किए गए हैं। 1947 में अमेरिका में दो फीट से ज़्यादा बर्फ गिरी थी, लगातार बर्फ गिरने से 12 फीट तक बर्फ जम गई थी, जो महीनों तक पिघली नहीं थी क्योंकि महीनों तक टेम्प्रेचर नॉर्मल हुआ ही नहीं था।
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