CM Yogi statement : “इस सदन में कह रहा हूं। इस माफिया को मिट्टी में मिला दूंगा।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 25 फरवरी को विधानसभा में ये शब्द (CM Yogi statement) कहे थें। उसके एक दिन पहले एक हत्या के मामले में एक मेन गवाह उमेश पाल की उनके प्रयागराज स्थित घर के बाहर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या का मुख्य गवाह था।
राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के लिए उस दिन जब सदन की बैठक हुई, विपक्षी समाजवादी पार्टी ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाने के लिए उमेश पाल की हत्या का मुद्दा उठाया। इसके जवाब में, योगी आदित्यनाथ ने कहा (CM Yogi statement) कि सरकार द्वारा अपराध के लिए अपनी जीरो टॉलरेंस नीति के तहत की गई कार्रवाइयों के परिणाम “बहुत जल्द” सभी के सामने होंगे।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव को जवाब देते हुए CM योगी ने कहा (CM Yogi statement) था – इस सदन में कह रहा हूँ। इस माफिया को मिट्टी में मिला दूंगा… जितने माफिया हैं उनको मिट्टी में मिलाने का काम करेंगे। फिर शुरु हुआ मिट्टी में मिलाने वाला अभियान- 50 दिनों के अंदर, उमेश पाल की हत्या में शामिल पांच लोगों में से चार का सफाया कर दिया गया। तीन अलग-अलग पुलिस मुठभेड़ों में असद, शूटर गुलाम समेत चारों बदमाश मारे गए।
दोनों हत्याओं के मुख्य आरोपियों में से एक गैंगस्टर अतीक अहमद जेल में है और उसका बेटा असद अहमद उन दो में से एक था, जिन्हें गुरुवार को एक मुठभेड़ में मार गिराया गया। बता दें, अतीक 2007 में उमेश पाल के अपहरण के मामले में आजीवन कारावास की सजा पाने के बाद से जेल में है।
इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में वकील उमेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उमेश के परिवार ने अतीक, उसकी पत्नी शाहिस्ता परवीन, भाई अशरफ, अतीक के बेटे असद और अन्य पर उसकी हत्या का आरोप लगाया, क्योंकि उमेश पाल राजू पाल हत्याकांड का मुख्य गवाह था।
दिनदहाड़े हुई उमेश पाल की हत्या सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। पुलिस ने अपराध में शामिल पांच लोगों विजय चौधरी उर्फ उस्मान, अरबाज (हमलावरों द्वारा इस्तेमाल किए गए वाहन का चालक), अतीक अहमद के बेटे असद अहमद, असद के सहयोगी गुलाम और गुड्डू मुस्लिम की पहचान की।
हत्या के दिन से ही पांचों फरार चल रहे थे, लेकिन यूपी पुलिस उनकी तलाश में हर जगह छापेमारी कर रही थी।
उमेश पाल की हत्या के दो दिन बाद 27 फरवरी को अरबाज़ एक मुठभेड़ में मारा गया। इसके बाद 6 मार्च को प्रयागराज में विजय चौधरी की गोली मार दिया गया।
5 मार्च को, 100 से अधिक आपराधिक मामलों में शामिल अतीक अहमद को उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल से 1,000 किलोमीटर से अधिक दूर प्रयागराज की एक जेल में सड़क मार्ग से ले जाया गया था। जब वह रास्ते में था, अहमद ने पुलिस वैन के अंदर से पत्रकारों से बात की।
उसने सरकार से गुहार लगाई- हम सरकार से कहना चाहते हैं, हम बिलकुल मिट्टी में मिल गए हैं। अब हमारी औरतों और बच्चों को परेशान न करें।
इसके एक दिन बाद, अतीक के बेटे असद अहमद और उसके सहयोगी गुलाम को झांसी में हुए मुठभेड़ में यूपी एसटीएफ ने मार गिराया। उमेश पाल हत्याकांड का पांचवा आरोपी गुड्डू मुस्लिम फरार चल रहा है। पुलिस उसे लगातार ढूंढ रही है।
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