Abu Salem : असद अहमद से जुड़ी एक बड़ी अपडेट ये सामने आई है कि उमेश पाल हत्याकांड में फरार होने के बाद महाराष्ट्र में गैंगस्टर अबू सलेम (Abu Salem) के करीबी सहयोगियों ने जेल में बंद डॉन अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम को शरण दिया था। झांसी में गुरुवार को पुलिस मुठभेड़ में असद और गुलाम मारे गए हैं।
अशरफ ने जेल में बैठे-बैठे की मदद
एकाउंटर से पहले, असद और गुलाम इस साल फरवरी में बसपा विधायक राजू पाल मामले में एक प्रमुख गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद से भाग रहे थे। ये भी सामने आया है कि अतीक के भाई अशरफ, जो बरेली की जेल में बंद हैं, ने असद और गुलाम को महाराष्ट्र भागने में मदद की थी, जहां उन्हें गैंगस्टर अबू सलेम (Abu Salem) के करीबी सहयोगियों से मदद मिली, जिन्होंने एक जगह की व्यवस्था, जहां वे छिप सकते थे।
दिल्ली का एक नेता भी शामिल
उत्तर प्रदेश पुलिस सूत्रों के अनुसार, दिल्ली के एक पॉलिटिशियन ने भी असद को दिल्ली में शरण दिलाने में मदद की थी। हैरानी की बात यह है कि अशरफ जेल में होते हुए भी फेसटाइम और व्हाट्सएप तक के जरिए असद, गुलाम और शूटरों से कॉनटैक्ट में रहता था।
कानपुर, नोएडा, दिल्ली को बनाया ठिकाना
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अतीक अपने बेटे असद को पकड़े जाने से बचाने के लिए पूरी ताकत लगा चुका था। उमेश पाल की हत्या के बाद असद और गुलाम पहले प्रयागराज से कानपुर गए। इसके बाद वे बस से नोएडा पहुंचे। असद इससे पहले पढ़ाई के दौरान नोएडा में रुका था। लेकिन उत्तर प्रदेश एसटीएफ के वहां पहुंचने के डर से वह दिल्ली भाग गया। कहा जा रहा है कि दिल्ली के संगम विहार इलाके में एक पॉलिटिशियन ने उसके ठहरने का इंतजाम किया था।
शाइस्ता परवीन ने भेजवाए थे पैसे
उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने मेरठ निवासी अखलाक के जरिए अपने बेटे असद और शूटर गुलाम को पैसे भेजे थे। दिल्ली में रहने के बाद असद और गुलाम दोनों अजमेर चले गए। इसके बाद अशरफ ने दोनों से फेसटाइम के जरिए संपर्क किया और नासिक जाने को कहा।
फिलहाल, शाइस्ता परवीन फरार है और उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाल ही में उसकी गिरफ्तारी के लिए इनाम को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया है। नासिक से असद और गुलाम पुणे पहुंचे, जहां अबू सलेम (Abu Salem) के करीबियों ने उनके ठहरने का इंतजाम किया। इसके बाद महाराष्ट्र पुलिस ने उनकी तलाश शुरू की। असद और गुलाम फिर कुछ समय के लिए दिल्ली लौट आए। बाद में, दोनों झांसी गए और गुड्डू मुस्लिम के घर रुके, जो उमेश पाल हत्याकांड का एक अन्य आरोपी है। गुड्डू मुस्लिम अभी फरार है।
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