Aadhaar Insurance Cyber Fraud: साइबर क्राइम की दुनिया में अब नया मोड़ आ गया है. पहले बैंक खाते, फिर निजी डेटा, लेकिन अब साइबर ठगों ने बीमा कंपनियों (Aadhaar Insurance Cyber Fraud) को भी नहीं बख्शा है। इस बार आधार कार्ड को केंद्र में रखते हुए बीमा क्लेम में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिससे इंश्योरेंस कंपनियों में हड़कंप मचा हुआ है.
ठगी का नया अड्डा: बीमा कंपनियां
उत्तर प्रदेश पुलिस ने जुलाई के अंत में देश की कई बड़ी हेल्थ, लाइफ और मोटर इंश्योरेंस कंपनियों को नोटिस भेजे हैं. इन नोटिसों में कंपनियों से उन कर्मचारियों की जानकारी मांगी गई है जो क्लेम प्रोसेसिंग और फ्रॉड कंट्रोल से जुड़े हैं.
कैसे हो रहा फर्जीवाड़ा?
Aadhaar Insurance Cyber Fraud
साइबर अपराधी छोटे शहरों और गांवों में सक्रिय हैं। ये लोग अस्पतालों और क्लीनिकों के जरिए मरीजों का आधार डिटेल निकालते हैं। बदले में इलाज में “सहूलियत” या कैश का लालच दिया जाता है। आधार डिटेल मिलने के बाद उसमें रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बदल दिया जाता है, जिससे कि ओटीपी और अन्य संवेदनशील जानकारियां उनके नियंत्रण में आ जाएं.
इसके बाद उसी आधार पर भारी प्रीमियम वाली इंश्योरेंस पॉलिसी ली जाती है. थोड़े समय बाद फर्जी क्लेम दायर किया जाता है और रकम गांव या कस्बों में खोले गए बैंक खातों में ट्रांसफर करा ली जाती है.
Niva Bupa जैसी कंपनियां भी बनी शिकार
Niva Bupa Health Insurance के एमडी कृष्णन रामचंद्रन ने बताया कि उनके पास भी इस तरह के 2-3 मामलों की पुष्टि हुई है. अन्य बीमा कंपनियां भी इस प्रकार के फ्रॉड की जानकारी Insurance Information Bureau (IIB) के साथ साझा कर रही हैं.
10-15% बीमा क्लेम हो सकते हैं फर्जी
बीमा उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों के मुताबिक, देश में दायर किए गए कुल बीमा दावों में से 10 से 15 फीसदी पूरी तरह से फर्जी होते हैं. यह आंकड़ा जितना चौंकाने वाला है, उतना ही बीमा क्षेत्र के लिए खतरनाक भी.
उत्तर प्रदेश पुलिस की साइबर टीम इस पूरे रैकेट की तह तक पहुंचने के लिए बड़े स्तर पर जांच कर रही है. इंश्योरेंस फ्रॉड की यह नई तरकीब अब देशभर की बीमा कंपनियों के लिए चुनौती बन चुकी है.
आप कैसे बचें?
- अपने आधार कार्ड की जानकारी अनजान लोगों से साझा न करें.
- mAadhaar ऐप या UIDAI की वेबसाइट से बायोमेट्रिक लॉक जरूर लगाएं.
- नियमित रूप से यह जांचते रहें कि आपके आधार से कितने मोबाइल नंबर या बैंक अकाउंट लिंक हैं.
- sancharsathi.gov.in पर जाकर मोबाइल नंबर की स्थिति चेक करें.
ALSO READ – AI से जानलेवा सवालों के जवाब कैसे मिल रहे हैं? रिसर्च में सामने आया बड़ा खतरा