If Both Policy Holder and Nominee Die: 12 जून को हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे में बीमा कंपनियों के सामने दावा निपटान को लेकर अनोखी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. कई मामलों में पॉलिसीधारक और उनके नॉमिनी—दोनों की इस दुर्घटना में मौत हो गई, जिससे बीमा दावों (If Both Policy Holder and Nominee Die) के निपटान में कानूनी जटिलताएं आ गई हैं.
LIC के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि अब तक उन्हें इस हादसे से जुड़े 10 दावे प्राप्त हुए हैं. इनमें से कुछ मामलों में बीमाधारक ने अपने जीवनसाथी को नामित किया था और दुर्भाग्यवश दोनों की ही जान चली गई. इफ्को टोकियो इंश्योरेंस और टाटा एआईजी के अधिकारियों ने भी ऐसे ही मामलों की पुष्टि की है.
वारिसों की तलाश और कानूनी प्रक्रिया
बीमा कंपनियों की कानूनी टीमें अब श्रेणी-1 के वारिसों जैसे बच्चों या नजदीकी बल्ड रिलेशन्स की तलाश कर रही हैं. यदि वारिस एक से अधिक हैं, तो उनसे घोषणा-पत्र और क्षतिपूर्ति बॉन्ड लेकर ही दावे का निपटान किया जाएगा.
IRDA ने दिए निर्देश: “दावे न करें खारिज”
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) ने बीमा कंपनियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि औपचारिकताओं के आधार पर किसी भी वैध दावे को नकारा न जाए। उन्होंने कहा कि विदेशी चिकित्सा बीमा, व्यक्तिगत दुर्घटना और जीवन बीमा पॉलिसियों में मृतकों की पहचान और सत्यापन का कार्य तेजी से किया जाए.
इन 7 उपायों से टाल सकते हैं भविष्य का वित्तीय संकट
- सभी खातों और निवेशों में नॉमिनी तय करें और KYC अपडेट रखें.
- वित्तीय दस्तावेजों की हार्ड फाइल और डिजिटल फोल्डर तैयार करें.
- ऑनलाइन निवेशों की सूची बनाएं और पासवर्ड विश्वसनीय सदस्य से साझा करें.
- समय रहते वसीयत बनवाएं—वकील या ऑनलाइन माध्यम से.
- “नॉमिनी सूचना पत्र” बनाएं, जिसमें सभी दस्तावेजों का स्थान और नॉमिनी की जानकारी हो.
- परिवार के किसी भरोसेमंद सदस्य को दस्तावेजों के बारे में जरूर बताएं.
- सभी खातों के लॉगिन पासवर्ड को किसी सुरक्षित पासवर्ड मैनेजर ऐप में स्टोर करें.
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