Justice Sanjiv Khanna : न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने पूर्व न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की रिटायरमेंट के बाद सोमवार को राष्ट्रपति भवन में भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (चीफ जस्टिस) के रूप में शपथ ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस खन्ना को पद की शपथ दिलाई, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर, पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ शामिल रहे.
जस्टिस खन्ना (Justice Sanjiv Khanna) के नाम की सिफारिश जस्टिस चंद्रचूड़ ने की थी, जो 10 नवंबर को 65 साल की उम्र में पद से रिटायर हुए हैं. वह अगले साल 13 मई तक मुख्य न्यायाधीश के रूप में काम करेंगे.
कौन हैं Justice Sanjiv Khanna
14 मई 1960 को जन्मे जस्टिस संजीव खन्ना ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की. दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने से पहले वह तीसरी पीढ़ी के वकील थे. उन्होंने राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया है.
Justice Sanjiv Khanna को जनवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया था. शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामलों की पीठों का नेतृत्व किया, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिकाओं की सुनवाई भी शामिल थी.
अपनी तरह के अनूठे फैसले में न्यायमूर्ति खन्ना की पीठ ने मई में केजरीवाल को विशेष रूप से लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दे दी थी. पीठ ने मामले को एक बड़ी पीठ के पास भेज दिया और कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तारी के लिए अतिरिक्त आधार की आवश्यकता का पता लगाने के लिए जुलाई में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री को फिर से अंतरिम जमानत दे दी.
संविधान पीठ के हिस्से के रूप में, न्यायमूर्ति खन्ना ने आर्टिकल 370 को रद्द करने और चुनावी बाॉन्ड मामले सहित कई निर्णयों में भी योगदान दिया है.
न्यायमूर्ति खन्ना की पीठ ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल्स (वीवीपीएटी) से संबंधित मुद्दों को भी निपटाया है.