Dead Butt Syndrome : आप पूरे दिन कंप्यूटर के सामने बैठे रहते हैं या गाड़ी चलाते हुए कई घंटे बिताते हैं. इसके बाद रात के समय टीवी के सामने सोफे पर लेट जाते हैं ? अगर ऐसा रोजाना करते हैं तो आप ‘डेड बट सिंड्रोम’ ‘Dead Butt Syndrome’ का शिकार हो सकते हैं. डेड बट सिंड्रोम, क्या आप इसके बारे में जानते हैं. यह समस्या लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहने के कारण होती है. इसे ग्लूटियल एम्नेसिया के नाम से भी जाना जाता है. इस समस्या के दौरान व्यक्ति के ग्लूटियस मेडियस (कूल्हे की मांसपेशी) में सूजन आ जाती है और सामान्य रूप से काम करना मुश्किल हो जाता है.
अगर आप हर रोज 6 से 8 घंटे लगातार बैठकर काम करते हैं और इस दौरान आपके कूल्हे बार-बार सुन्न हो जाते हैं और दर्द होने लगता है तो इसे नजरअंदाज न करें, क्योंकि समय पर इसका इलाज न कराने से दर्द अधिक बढ़ सकता है. शुरुआत में इसके लक्षण बहुत मामूली नजर आते हैं, लेकिन धीरे-धीरे यह गंभीर रूप लेने लगता है, जैसे कि पीठ के निचले हिस्से में दर्द, कूल्हे और पैरों में कमजोरी और खिंचाव. समस्या बढ़ने से चलने और खड़े होने में भी दिक्कत होने लगती है.
किसको है अधिक खतरा
आमतौर पर डेड बट सिंड्रोम उन लोगों को अधिक होता है, जो लंबे समय तक बैठे रहते हैं. लेकिन यह उन लोगों में भी हो सकता है, जो बहुत अधिक बार एक ही तरह की गतिविधियां करते हैं, जैसे कि स्प्रिंटर, साइकिल चालक, नौका चालक या घुड़सवार करने वाले. यदि आप अच्छा आराम और रिकवरी के बिना बार-बार अपने ग्लूट्स पर दबाव डाल रहे हैं तो इससे भी डेड बट सिंड्रोम हो सकता है.
Dead Butt Syndrome के लक्षण
Dead Butt Syndrome Symptoms
डेड बट सिंड्रोम का मुख्य कारण एक ही पोजीशन में लंबे समय तक बैठे रहना है, जैसे कि ऑफिस में लगातार 6-8 घंटों तक कुर्सी पर बैठकर काम करना. लंबी दूरी तय करने के लिए बिना ब्रेक लिए एक पोजीशन में लगातार गाड़ी चलाना और कूल्हों को मजबूत बनाने वाले व्यायाम न करना.
शुरुआती लक्षणों की पहचान लंबे समय तक बैठने के बाद कूल्हे की ग्लूटियल मांसपेशियां (ग्लूट्स) सुन्न हो सकती हैं या उनमें दर्द हो सकता है, लेकिन टहलने और हल्की स्ट्रेचिंग से आराम मिल सकता है। ज्यादा गंभीर मामलों में इसके लक्षण अन्य जगहों, जैसे कि एक या दोनों कूल्हे, पीठ के निचले हिस्से और घुटनों में भी दर्द और अकड़न हो सकती है। यह दर्द पैर के नीचे तक महसूस हो सकता है। यह ठीक वैसे ही होता है, जैसे साइटिका में दर्द महसूस होता है।
समय से इलाज न मिलने पर ग्लूट्स और हिप फ्लेक्सर्स में ताकत की कमी हो सकती है। यदि यह समस्या केवल एक कूल्हे में है तो उस तरफ लेटने से भी दर्द महसूस हो सकता है। डेड बट सिंड्रोम हिप बर्सा की सूजन का कारण भी बन सकता है। हिप बर्सा तरल पदार्थ से भरी एक थैली होती है, जो कूल्हे के जोड़ के भीतर गति को आसान बनाती है। इसके अन्य लक्षणों में प्रभावित क्षेत्र के आसपास दर्द और सजन हो सकती है।
व्यायाम से मजबूत होंगी मांसपेशियां
Dead Butt Syndrome Exercise
अगर आपको डेड बट सिड्रोम की समस्या हो गई है तो जितना हो सके, आराम करना चाहिए. अगर दर्द या सूजन अधिक है तो कोल्ड पैक से सिकाई करें. गंभीर मामलों में डॉक्टर आपको फिजियोथेरेपी या मालिश थेरेपी लेनी चाहिए. अगर आपका काम बैठे रहने का है तो काम से ब्रेक लेकर बीच-बीच में खड़े होते रहे और स्ट्रेचिंग करते रहें. मांसपेशियों को हेल्दी बनाए रखने के लिए प्रोटीन, विटामिन और खनिजों से भरपूर पौष्टिक आहार का सेवन करें. इसके अलावा मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाले योग या एक्सरसाइज़ जरूर करें.
90 डिग्री एंगल
- अगर आप लंबे समय से काम कर रहे हैं तो काम करने के दौरान स्ट्रेचिंग और थोड़ी देर टहलने के लिए कई बार छोटे-छोटे ब्रेक ले सकते हैं.
- एक ही पोजीशन में बैठने के बजाय अलग-अलग पोजिशन्स में बैठें. गलत पोस्चर में बैठने से भी डेड बट सिंड्रोम हो सकता है.
- झुककर न बैठें और घुटनों को हमेशा 90 डिग्री एंगल पर ही रखें. इसके अलावा बैठते समय बैंक सपोर्ट होना भी बहुत जरूरी होता है.
- मांसपेशियों को एक्टिव बनाए रखने के लिए तैराकी, डांस या किसी खेल को अपना शौक बनाएं. ऑफिस, मॉल या ऐसी जगहें, जहां लिफ्ट की फैसिलिटी है, वहां आप सीढ़ियों का ही इस्तेमाल करें.
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