DART Mission : फ्यूचर में अगर कोई मीटियॉर या एस्टेरॉयड (Asteroid) पृथ्वी से टकराता है तो, उससे पूरी ह्यूमैनिटी एक बार में खत्म हो सकती है। हालांकि, ज्यादातर एस्टेरॉयड पृथ्वी (Earth) तक पहुंचने के पहले ही खत्म हो जाते हैं, पर Incase कभी ऐसा हुआ की कोई बड़ा अंतरीक्ष का चट्टान पृथ्वी की तरफ तेजी से आ रहा हो तो उससे कैसे बचा जाए। NASA का DART मिशन इसी प्रॉब्लम का सॉल्यूशन है। NASA ने पिछले साल डबल एस्टेरॉयड रिडायरेक्शन टेस्ट (DART) मिशन लॉन्च किया था। अब ये मिशन लॉन्च के लगभग 10 महीने बाद 26 सितंबर को डीमोर्फोस (Dimorphos) नाम के एस्टेरॉयड से टकरा कर उसकी दिशा को बदलने की कोशिश करेगा।
DART Mission क्या है
डबल एस्टेरॉयड रिडायरेक्शन टेस्ट (DART) अपनी तरह का पहला अंतरीक्ष यान (space craft) है, जिसे पृथ्वी की तरफ आने वाले एस्टेरॉयड से टकराकर, एस्टेरॉयड की दिशा को बदलने की कोशिश की जाएगी। ये टेस्ट इसलिए किया जा रहा है ताकि यह पता किया जा सके कि अगर भविष्य में कोई एस्टेरॉयड पृथ्वी की तरफ बढ़ता है तो साइंटिस्ट उसे नष्ट कर सकेंगे या रोक सकेंगे की नहीं।
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कैसे देख सकेंगे Space Craft और एस्टेरॉयड की टक्कर
स्पेसक्राफ्ट की टक्कर के दौरान इसकी स्पीड 24,000 किमी प्रति घंटा होगी, जो ऐस्टरॉयड की दिशा को बदलने का प्रयास करेगी। जिस एस्टेरॉयड को रिडायरेक्ट करने की तैयारी है वो 160m चौड़ा है। इसका नाम डिमोर्फोस है, जो बहुत बड़े एस्टेरॉयड डिडिमोस (Didymos) की परिक्रमा करता है, जो लगभग 780m चौड़ा है। इस DART Mission को आप NASA के ऑफिशियल YouTube चैनल पर इंडियन समय के हिसाब से 27 सितंबर को 3.30 पर देख सकेंगे। इसके लिए आपको NASA के YouTube चैनल पर जाकर नोटिफाई मी (Notify Me) का ऑप्शन ऑन करना होगा।
DART स्पेसक्राफ्ट की सारी मूवमेंट्स पर नजर रखने के लिए लाइट इटैलियन क्यूबसैट फॉर इमेजिंग एस्टेरॉयड्स (LICIACube) भी साथ में जा रहा है। टकराव के समय यह स्पेसक्राफ्ट और एस्टेरॉयड के नजदीक से गुजरेगा, ताकि टक्कर की फोटो ले सके और उसकी फोटो NASA को भेज सके।
कितना बड़ा है Dimorphos एस्टेरॉयेड
क्या होगा Crash के बाद
उम्मीद है कि, ये मिशन सक्सेसफुल रहेगा। यह कहा जा सकता है कि, DART इंसानों का पहला प्लेनेटरी डिफेंस टेस्ट (Planetary Defense Test) मिशन है। यह पहली बार है जब किसी सिविल मिशन में डिफेंस टेक्नोलॉजी का टेस्ट किया जाएगा। NASA ने अपने प्रेस कॉनफ्रेंस में कहा है कि- हम नहीं जानते कि टारगेट की सही यानी एक्चुअल साइज क्या है या ये एस्टेरॉयड किस चीज से बना है। हालांकि, डिमोर्फोस से पृथ्वी को कोई वास्तविक खतरा नहीं है।
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