Why invest in REITs : अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने के लिए रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट) एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है. ये रिटेल निवेशकों से पैसे जुटाते हैं और इसे ऐसी प्रॉपर्टीज में लगाते हैं, जो अच्छी रेंटल इनकम दे सकती है. बजट में सरकार ने रीट के लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट पीरियड को 36 महीने से घटाकर 12 महीने कर दिया है. यानी एक साल के इन्वेस्टमेंट (Why invest in REITs) से हुई आमदनी पर अब 20 परसेंट की जगह 12.5 परसेंट ही टैक्स लगेगा.
रीट्स क्या हैं?
What is REITs
रीट्स फंड निवेशकों को सीधे प्रॉपर्टीज के मालिक बने बिना रियल एस्टेट में निवेश करने का परमिशन देता है. रीट्स प्रबंधक इन पैसों को आईटी पार्क, कॉरपोरेट ऑफिस, शॉपिंग मॉल जैसी रेंटल आय वाली प्रॉपर्टीज में लगाते हैं. ये एसेट्स किराए से पैसा बना कर निवेशकों को डिविडेंड देती हैं. इन प्रॉपर्टीज के भाव बढ़ने पर निवेशकों को फायदा होता है, ठीक वैसे ही सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में होता है। कैसे निवेश कर सकते हैं? डिमैट अकाउंट से जैसे आप कंपनियों के शेयर ले सकते हैं, वैसे ही लिस्टेड रीट की यूनिट ले सकते हैं।
निवेश में क्या सावधानी रखें ?
किसी भी रीट में निवेश करते वक्त उस पर रिसर्च करें. उन्हें संचालित कौन कर रहा है. उनकी विशेषज्ञता, अनुभव और ट्रैक रिकॉर्ड देखें, क्योंकि बेहतर प्रबंधन से अच्छे रिटर्न की संभावना कई गुना बढ़ जाती है. रीट का नेट डिस्ट्रिब्यूटेबल कैश फ्लो देखें, क्योंकि न्यूनतम 90% कैश फ्लो यूनिट होल्डर्स को डिविडेंड, ब्याज या कर्ज के दोबारा भुगतान के रूप में मिलता है. प्रॉपर्टी पर ज्यादा लोन रिस्क बढ़ाता है.
Lock-In अवधि क्या है?
इसमें कोई लॉक-इन पीरियड नहीं है, लेकिन इसे कम से कम 5 सालों तक इंवेस्टमेंट चाहिए. क्योंकि किसी प्रोजेक्ट को पूरा होने में लंबा वक्त लगता है, उसके बाद ही उससे कमाई शुरू होती है। ये ध्यान रखें पूरी पूंजी एक जगह न लगाएं. अलग-अलग रीट्स में लगाएं. अब तक कैसा रिटर्न मिला? बाजार स्थितियों के साथ इसमें उतार- चढ़ाव आते हैं. कम ब्याज दरें बेहतर रिटर्न की संभावना बढ़ाती है। वित्त वर्ष 2023 में बुकफील्ड इंडिया ने 7.30%, एंबेसी ऑफिस पार्क ने 6.70% और माइंडस्पेस बिजनेस पार्क ने 6.90% रिटर्न दिया है. रीट से अगले 2-3 साल में 7.30% से ज्यादा रिटर्न की उम्मीद है. यह (Why invest in REITs) लगभग बैंक FD के रिटर्न जितना है.
रीट्स में निवेश क्यों करें ?
Why invest in REITs
रीट्स कम पूंजी में किसी बड़े रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में छोटी हिस्सेदारी खरीदने का मौका देते है. इसके उलट ट्रैडिशनल रियल एस्टेट में निवेश के लिए बड़ी पूंजी की जरूरत पड़ती है. वे डायवर्सिफाइड, डिविडेंड आय और लिक्विडिटी देते हैं, क्योंकि स्टॉक एक्सचेंज पर इनकी ट्रेडिंग होती है.
देश में रीट्स का भविष्य ?
विदेशों में यह पैसे बनाने का कारगर टूल रहा है, लेकिन भारत में अभी शुरुआती दौर में है. यही वजह है कि रीट्स ने अभी तक निवेशकों को बेहतर रिटर्न नहीं दिया है. लॉन्ग टर्म में इसमें निवेश के साथ-साथ रिटर्न बढ़ेगा.
ALSO READ : New Rules from 1 August 2024 : आज से बदल जाएंगे कई नियम, आपकी जेब पर पड़ेगा कितना असर