SEBI Report on Married Traders : शेयर बाजाप में इक्विटी कैश सेगमेंट में शादीशुदा इंट्रा डे ट्रेडर्स को अविवाहितों के तुलना में ज्यादा फायदा हुआ है. मार्केट रेग्युलेटर SEBI ने तीन वित्त वर्ष 2018-19, 2021-22 और 2022-23 के रिसर्च के आधार पर कहा है कि अविवाहितों की तुलना में शादीशुदा ट्रेडर कम घाटे में रहे हैं. वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान कुआंरे ट्रेडर्स (SEBI Report on Married Traders) के घाटे में रहने वालों की संख्या 75 परसेंट थी, जबकि शादीशुदा ट्रेडर्स की संख्या 67 परसेंट थी.
SEBI Report on Married Traders
ज्यादा उम्र वालों को कम नुकसान
रिसर्च में SEBI ने यह भी पाया कि आयु वर्ग जितना कम होगा, नुकसान उठाने वालों का एवरेज उतना ही अधिक होगा. 2022-23 में 60 साल से अधिक आयु वर्ग के ट्रेडर्स में सबसे कम नुकसान उठाने वाले 53 परसेंट थे, जबकि 20 साल से कम आयु के ट्रेडर्स में नुकसान उठाने वालों का अनुपात सबसे अधिक 81 परसेंट था.
युवा ज्यादा नुकसान उठा रहे
अपने अध्ययन (SEBI Report on Married Traders) में, SEBI ने खुलासा किया कि आयु वर्ग जितना कम होगा, नुकसान उठाने वालों का अनुपात उतना अधिक होगा क्योंकि उच्च आयु वर्ग के ट्रेडर्स में नुकसान उठाने वालों का अनुपात कम था. वित्त वर्ष 2023 में, 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के ट्रेडर्स में सबसे कम यानी 53 परसेंट नुकसान था, जबकि 20 साल से कम उम्र के ट्रेडर्स में नुकसान उठाने वालों का अनुपात सबसे अधिक यानी 81 परसेंट था.
लाभ कमाने में महिलाएं पुरुषों से आगे रहीं
महिला ट्रेडर्स में उनके पुरुष समकक्षों की तुलना में लगातार प्रॉफिट कमाने वालों का अनुपात अधिक था. तीन सालों में महिला ट्रेडर्स का लाभ कमाने वालों का एवरेज पुरुषों के समूह की तुलना में अधिक था. वित्त वर्ष 2023 के दौरान, एक करोड़ रुपये से अधिक वार्षिक इंट्राडे टर्नओवर वाले पुरुष ट्रेडर्स को औसतन 38,570 रुपये का नुकसान हुआ, जबकि महिला ट्रेडर्स को औसतन 22,153 रुपये का नुकसान हुआ. इंट्राडे ट्रेडर्स की संख्या के हिसाब से महिला ट्रेडर्स का अनुपात वित्त वर्ष 2023 में घटकर 16 परसेंट हो गया, जो वित्त वर्ष 2019 में 20 परसेंट था.
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