Titanic Richest Passenger : टाइटैनिक जहाज पर सवार रहे सबसे अमीर पैसेंजर (Titanic Richest Passenger) को सोने की पॉकेट घड़ी नीलाम हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बिजनेसमैन जॉन जेकब ऐस्टर की यह घड़ी 12 करोड़ से ज्यादा की कीमत में बिकी है। नीलामी से जुड़े अधिकारी एंड्यूँ ऐल्ड्रिज ने बताया कि यह वर्ल्ड रिकॉर्ड है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस घड़ी के साथ जॉन के गोल्ड कफलिंक्स भी मौजूद है। इसे अमेरिका के एक प्राइवेट कलेक्टर हेनरी ऐल्ड्जि एंड संस ने खरीदा है।
बता दें, इससे पहले टाइटैनिक जहाज के डूबते वक्त घबराए पैसेंजर्स को शांत करने के लिए जो वॉयलिन बजाया गया था, उसे साल 2013 में नीलाम किया गया था। नीलामी शुरू होने के 10 मिनट के अंदर यह वॉयलिन साढ़े 9 करोड़ रुपए में बिकी थी।
टाइटैनिक से 2,200 लोगों की कहानियां जुड़ीं
नीलामकर्ता एंड्यूँ ने कहा कि ये ऑक्शन इस बात के सबूत है कि बिकने वाला सामना कितना अनोखा है। साथ ही ये दिखाता है कि लोग आज भी टाइटैनिक की कहानी को लेकर उत्साहित रहते हैं। 112 साल पहले जो जहाज डूब गया, उसकी बातें आज भी होती है। इस जहाज के डूबने से उन 2200 लोगों की कहानिया भी जुड़ी है, जो इस पर सवार थे।
टाइटेनिक के सबसे अमीर पैसेंजर जॉन जेकब कि कैसे हुई मौत
How did Titanic richest passenger die
रिपोर्ट्स के अनुसार, टाइटैनिक के डूबते वक्त घड़ी के मालिक जॉन जेकब लाइफबोट के जरिए जाने बचाने की जगह जहाज पर मौजूद दूसरे लोगों के साथ बातचीत कर रहे थे। पहले जॉन को अंदाजा नहीं था कि जहाज पर कितना बड़ा खतरा आ गया है। बाद में टाइटैनिक डूबने लगा और कैप्टन लोगों को लाइफबोट के जरिए जहाज से निकालने लगे। जॉन को जब तक खतरे का अंदाजा हुआ, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
ऐसे में जॉन (Titanic richest passenger) ने चौथी लाइफबोट के जरिए पहले अपनी पत्नी मैडेलिन ऐस्टर को भेज दिया और खुद जहाज पर ही रह गए, टाइटैनिक के डूबने के करीब 1 हफ्ते बाद समुद्र में जॉन का शव मिला था। उनकी जेब में सोने की घड़ी रखी हुई थी। जॉन उस जहाज पर मौजूद सबसे अमीर शख्स थे। उस वक्त उनकी प्रॉपर्टी 725 करोड़ थी, जो आज कई अरबों डॉलर के बराबर है। जॉन के बेटे विंसेंट ऐस्टर ने पिता की घड़ी उनके ऐग्जीक्यूटिव सेक्रेटरी के बेटे विलियम डॉबिन को दे दी थी।
दो टुकड़ों में डूबा था टायटैनिक जहाज
- 10 अप्रैल 1912 को उस समय का सबसे बड़ा जहाज टाइटैनिक अपने पहले और आखिरी सफर पर निकला था।
- इसके निर्माण का काम 1909 में शुरु हुआ था और यह 1912 में पूरा हुआ था। अपना सफर शुरु करने के चौथे ही दिन यानी 14-15 अप्रैल की रात टाइटैनिक अटलांटिक महासागर में बर्फ के एक पहाड़ से टकरा गया था।
- इसके बाद यह दो टुकड़ों में बंटकर महासागर में डूब गया था।
- टाइटैनिक के डूबने से 1500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। हालांकि, जहाज पर सवार 700 लोगों को बचा लिया गया था।
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