World Liver Day : पिछले कुछ सालों में फैटी लिवर के मामले तेजी से बढ़े हैं. लिवर में थोड़ी मात्रा में फैट होता ही है, लेकिन जब फैट की मात्रा आपके लिवर के वजन से 5 से 10 परसेंट तक पहुंच जाती है, तो यह प्रॉब्लम होती है. ज्यादातर मामलों में फैटी लिवर डिजीज कोई गंभीर समस्या पैदा नहीं (World Liver Day) करता है, लेकिन गंभीर मामलों में इससे लिवर का कामकाज बुरी तरह प्रभावित होता है. इससे लिवर में सूजन आ जाती है, जिससे उसके टिश्यू डैमेज हो जाते हैं।
World Liver Day पर समझिए क्या होता है फैटी लिवर
इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बायलरी साइंस, दिल्ली के डॉ एस के सरीन डायरेक्टर, बताते हैं कि, फैटी लिवर वह स्थिति है जिसमें लिवर के ऊपर अतिरिक्त चर्बी जमा हो जाती है, जिससे उसकी क्षमता घटने लगती है। वैसे तो यह समस्या मुख्य रूप से शराब पीने के करना होती है, लेकिन बिगड़ी जीवन शैली और खराब खानपान की वजह से भी फैटी लिवर हो रहा है। इसे मेटाबोलिक एसोसिएटेड फैटी लिवर डिजीज नाम दिया गया है। एम्स दिल्ली ने पिछले साल एक अध्ययन में पाया कि लगभग 38 परसेंट भारतीयों को फैटी लिवर से जुड़ी समस्या है। चिंताजनक यह है कि लगभग 35 परसेंट बच्चे भी इसके शिकार हैं।
2 तरह के होते हैं फैटी लिवर
फैटी लिवर की बीमारी 2 तरह की होती है। एक है अल्कोहल फैटी लिवर डिजीज जो कि अल्कोहल यानी शराब के ज्यादा इनटेक से होती है और दूसरी है नॉन-अल्कोहल फैटी लिवर डिजीज, जो कि मोटापा या डायबिटीज आदि के कारण से हो सकती है। चलिए हम, सबसे पहले जानते हैं कि शराब के अलावा फैटी लिवर डिजीज़ के और कौन-कौन से कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।
अन्हेल्दी डाइट
NCBI में पब्लिश एक रिपोर्ट के अनुसार, अन्हेल्दी फैट, शुगर व प्रोसेस्ड फूड के ज्यादा इनटेक से ये बीमारी हो सकती है। ज्यादा कैलोरीज का इनटेक और जरूरी पोषक तत्वों की कमी से लिवर के चयापचय करने की क्षमता पर बुरा असर पड़ सकता है, जिससे लिवर की कोशिकाओं में फैट जमा हो सकता है।
इंसुलिन रेसिस्टेंट और डायबिटीज
इंसुलिन रेसिस्टेंट एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति कम प्रतिक्रिया देती हैं। इंसुलिन एक हार्मोन है जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है। इससे मोटापा बढ़ने और टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा होता है। इंसुलिन रेसिस्टेंट और डायबिटीज से फैटी लिवर हो सकता है क्योंकि इंसुलिन का फैट के मेटालबॉलिज्म में बड़ा रोल है।
ज्याद शराब पीना
क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, शराब का इनटेक फैटी लिवर का सबसे बड़ा कारण है। इससे अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (एएफएलडी) हो सकता है. यहां तक कि शराब का कम सेवन भी लिवर के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
मेटाबॉलिक सिंड्रोम
मेटाबॉलिक सिंड्रोम कई बीमारियों का ग्रुप है, जिसमें मोटापा, हाई बीपी, हाई ब्लड शुगर और अबनॉर्मल लिपिड प्रोफाइल शामिल हैं। इनके मरीजों में लीवर के कामकाज पर असर पड़ता है।
4 symptoms of fatty lever
फैटी लीवर के 4 लक्षण
- कमर का साइज ज्यादा हो
- पुरुष का कॉलर साइज 37 और महिला का 33 सेमी से ज्यादा हो
- माता पिता, भाई बहन को शुगर, हार्ट की बीमारी
- अगर वेस्ट-हिप रेशो मानक से अधिक हो
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