Water Crisis : सेंट्रल वॉटर कमिशन सीडब्ल्यूसी ने देश में नदियों की हालत पर एक रिपोर्ट जारी की है, जो बेहद चिंताजनक है। सीडब्ल्यूसी के अनुसार, गंगा, ब्रह्मपुत्र, सिंधु, पेन्नार, नर्मदा, तापी, साबरमती, गोदावरी, महानदी, कावेरी जैसी 13 नदियों में पानी तेजी से घट रहा है। पिछले साल की तुलना में इन नदियों में कम पानी (Water Crisis) बचा है. चिंता तो गंगा को लेकर है, जो 11 राज्यों के 2.86 लाख गांवों को सिंचाई और पीने के लिए पानी देती है।
भारत के 150 प्रमुख जलाशयों में पानी जमा करने की उनकी कुल क्षमता से 36 परसेंट कम पानी है। 86 जलाशयों में पानी 40 परसेंट या उससे भी कम पानी है। रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर जलाशय दक्षिणी राज्यों, महाराष्ट्र और गुजरात में हैं।
गंगा में पानी आधे से भी कम
Water Crisis in Ganga Basin
देश का सबसे बड़ा नदी बेसिन गंगा का है, लेकिन यहां पर फिलहाल कुल क्षमता से आधे से भी कम स्टोरेज है। यानी 41.2 परसेंट पानी ही मौजूद है, जो पिछले साल की तुलना में कम है। गंगा नदी 11 राज्यों में करीब 2.86 लाख गांवों को सिंचाई और पीने के पानी देती है। लेकिन अब यह घटती जा रही है। गंगा बेसिन से पानी का कम (Water Crisis) होना खेती-बाड़ी को प्रभावित करेगा। क्योंकि इस बेसिन का 65.57 परसेंट इलाका कृषि भूमि है।
इन 13 नदियों में पानी है ही नहीं
इन नदियों से 86,643 वर्ग किलोमीटर का इलाका सिंचित होता है। इसके बाद ये नदियां बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है। इनके बेसिन में 60 परसेंट हिस्सा कृषि क्षेत्र है, यानी इस बार पानी की कमी का असर फसलों पर भी पड़ेगा।
1- रुशिकुल्या
2- वराह
3- बहुदा
4- वंशधारा
5- नागावली
6- सारदा
7- तांडव
8- एलुरु
9- गुंडलकम्मा
10- तम्मिलेरु
11-मुसी
12- पलेरु
13-मुनेरु
इस तरह हुआ रिसर्च
सीडब्लूसी के पास 20 नदियों के बेसिन का लाइव डाटा रहता है। ज्यादातर बेसिनों में 40 परसेंट से स्टोरेज कैपेसिटी रिकॉर्ड की गई। 12 नदियों के बेसिन में पानी का स्टोरेज पिछले साल की तुलना में कम (Water Crisis) है। कावेरी, पेन्नार और कन्याकुमारी के बीच पूर्व की ओर बहने वाली नदियां सबसे ज्यादा नुकसान में है। यहां स्टोरेज बहुत कम है।
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