Cervical Cancer : सर्वाइकल कैंसर भारत में महिलाओं में पाए जाने वाले कैंसर का दूसरा सबसे खतरनाक कैंसर है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने सर्वाइकल कैंसर की इसी गंभीरता को देखते हुए बजट में इसके लिए वैक्सीनेशन प्रोग्राम का एलान किया है। हैं। इसके तहत देश में 9 से 14 वर्ष की बच्चियों को Cervical Cancer की वैक्सीन दी जाएगी। इस फैसले के बाद खतरे में जी रही महिलाओं में एक उम्मीद जगी है।
Cervical Cancer से हर साल 77 हजार महिलाओं की मौत
हालांकि, चिंता की बात यह है कि देश में 15 साल से ऊपर की 50 करोड़ से ज्यादा महिलाओं पर इसका खतरा अभी मंडरा रहा है। जबकि, हर साल 77 हजार महिलाओं की इस बीमारी से मौत हो रही है। यानी हर दिन करीब 211 महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से दम तोड़ रही हैं। ग्लोबली देखें, तो 2020 में पूरी दुनिया में सर्वाइकल कैंसर के 6,04,000 मामले सामने आए, जबकि 3,42,000 की मौत हुई।
बजट में वैक्सीन की अनाउंस्मेंट
वैक्सिनेशन का क्या है रोल – आमतौर पर महिलाओं में 30 साल की उम्र से पहले सर्वाइकल कैंसर के लक्षण सामने नहीं आते हैं। लड़कियों के यौन रूप से सक्रिय होने से पहले ही 9 से 14 वर्ष की उम्र में अगर वैक्सीनेशन हो जाए, तो वयस्क होने पर कैंसर होने का जोखिम लगभग नगण्य हो जाता है।
ऐसे होती है इसकी शुरुआत सर्वाइकल कैंसर मुख्य रूप से ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के कारण होता है, जो एक यौन संचारित संक्रमण है। सेलुलर स्पेस के आधार पर सर्वाइकल कैंसर को 2 नाम स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और एडेनोकार्सिनोमा दिए गए हैं।
करीब 90 परसेंट मामले स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा के होते हैं। ये कैंसर एक्टोसर्विक्स की कोशिकाओं से विकसित होते हैं। जबकि, एडेनोकार्सिनोमा सर्विक्स के एडेनोकार्सिनोमा एंडोकर्विक्स ग्रंथि में विकसित होता है। कभी-कभी, सर्वाइकल कैंसर में स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और एडेनोकार्सिनोमा दोनों की खासियत होती हैं। इसे मिक्स कार्सिनोमा या एडेनोस्क्वामस कार्सिनोमा कहते हैं।
2020 में दुनिया में 3.42 लाख की मौत
इन लक्षणों से होती है पहचान –
असामान्य रक्त स्राव, दुर्गंधयुक्त स्राव और संभोग के दौरान पैल्विक में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं
इसके अलावा मासिक धर्म के बीच में रक्त स्राव, रजोनिवृत्ति के बाद भी रक्त स्राव, पीठ व पैर में लगातार दर्द, वजन घटना, थकान और भूख न लगना पैरों में सूजन जैसे लक्षण दिखते हैं
इलाज के बाद भी रहने की गारंटी नहीं
नई दिल्ली स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की वरिष्ठ डॉ रेणुका मलिक का कहना है कि सर्वाइकल कैंसर का समय पर इलाज होने से मरीजों के जीवित रहने की दर अधिकतम 60 परसेंट रहती है। अगर समय रहते इलाज हो, तो मरीज के अगले 5 साल जिंदा रहने की संभावना 91 परसेंट रहती है।
एक्ट्रेस पूनम पांडेय की सर्वाइकल कैंसर से मौत की चर्चा, कंफर्मेशन नहीं
एक्ट्रेस-मॉडल पूनम पांडेय की Cervical Cancer से मौत की खबर दिनभर ट्रेंड में करती रही। एक्ट्रेस मीडिया मैनेजर पारुल चावला ने सोशल मीडिया पर लिखा, हमने सर्वाइकल कैंसर के कारण अपनी प्यारी पूनम को खो दिया है। हालांकि बाद में इस पोस्ट को हटा भी दिया गया। कहीं और से मौत की पुष्टि नहीं हो सकी। पूनम के ड्राइवर का कहना है, गुरुवार शाम तक वह बांद्रा स्थित फ्लैट में थीं और अचानक कहीं निकल गई।
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