Republic Day 2024 : 26 जनवरी 1950 को हमारे भारत देश का अपना संविधान लागू हुआ। आजादी के बाद से भारतीय संविधान में कई बड़े बदलाव किए गए। आइये देश के 75वें गणतंत्र दिवस (Republic Day 2024) पर संविधान में हुए 10 प्रमुख संशोधनों पर एक नजर डालते हैं।
1951में पहला संशोधन
पिछड़े वर्गों के लिए राज्यों को शक्तियां 1951 में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के शासनकाल में संविधान में पहला संशोधन हुआ। इस संशोधन में राज्यों को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग की उन्नति के लिए विशेष प्रावधान करने का अधिकार मिला।
1956 में राज्यों का पुनर्गठन
पंडित नेहरू की सरकार ने संविधान में संशोधन कर राज्यों के वर्गों ए, बी, सी और डी में वर्गीकरण समाप्त किया और केंद्रशासित प्रदेशों की शुरुआत की। इस अधिनियम में सभी राज्यों को लिस्टेड किया गया और उन्हें भाषाई आधार पर विभाजित किया गया।
1964 में भूमि के बदले बाजार मूल्य
संविधान में 1964 में हुए संशोधन के तहत अगर भूमि का बाजार मूल्य बतौर मुआवजा न दिया जाए तो व्यक्तिगत हितों के लिए जमीन का अधिग्रहण प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
1976 में समाजवादी, धर्मनिरपेक्षता शब्द जोड़े गए
संविधान के 42वें संशोधन के तहत प्रस्तावना में संशोधन किया गया। इस में समाजवादी और धर्मनिरपेक्षता व अखंडता 3 नए शब्द जोड़े गए। प्रस्तावना में ये कहा गया कि भारत समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष होगा। इस बात पर भी जोर दिया गया कि इसकी एकता के अलावा, राष्ट्र की अखंडता सुनिश्चित की जाएगी।
1985 में दल-बदल रोकने के लिए कानून
संविधान के 52वें संशोधन के तहत दल बदल को रोकने के लिए कानून लाया गया। इसमें पार्टियों में शामिल होने वाले सांसदों और विधायकों को दल बदल करने पर अयोग्य घोषित करने की व्यवस्था की गई है।
1988 में वोट देने की उम्र 18 की गई
संविधान में बड़ां संशोधन कर मताधिकार का दायरा बढ़ाया गया। इस संशोधन ने मतदान की उम्र 21 से घटाकर 18 साल कर दी। संशोधन ने भारत के चुनावी परिदृश्य और पार्टियों की अभियान रणनीतियों को हमेशा के लिए बदल दिया।
1992 में पंचायतों में सभी को प्रतिनिधित्व
केंद्र सरकार ने हर राज्य में पंचायतों और नगर पालिकाओं के निर्माण को अनिवार्य करते हुए 73वें व 74वें संशोधन को पेश किया और पारित किया। पंचायती राज संस्थानों को संवैधानिक दर्जा और संरक्षण दिया गया। आरक्षण की व्यवस्था भी लागू की गई, जिससे सभी को प्रतिनिधित्व मिले।
2002 – शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाया गया
संविधान निर्माताओं ने शुरुआत में शिक्षा को मौलिक अधिकार नहीं बनाया था। 2002 में शिक्षा के अधिकार को 6-14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए मौलिक अधिकार बना दिया गया, जिसके तहत शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 आया।
2016 में लाया गया GST कानून
मोदी सरकार ने 2016 में संविधान में 101वा संविधान संशोधन पारित किया। जिसमें अंतर राज्य व्यापार में वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी) के संबंध में कानून बनाने को अनुच्छेद 246 में बदलाव किया गया।
2019 में आर्थिक रूप से कमजोर को आरक्षण
संविधान के 103वें संशोधन के तहत आर्थिक मानदंडों पर विश्वविद्यालयों व नौकरियों में आरक्षण देने का प्रावधान किया गया।
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