Cyber Fraud : साइबर अपराधियों द्वारा किसी के बैंक खाते से की गई धोखाधड़ी के मामले में अगर गोल्डन ऑवर यानी पहले 1 घंटे के अंदर भारतीय साइबर अपराध केंद्र (आईफोरसी) तक शिकायत पहुंचती है तो ऐसे मामलों में धोखाधड़ी से उड़ाई गई राशि को साइबर अपराधियों के खाते से निकलने से रोका जा सकता है। इसलिए अगर आपके साथ साइबर ठगी होती है तो जल्द से जल्द 1930 नंबर (Cyber Fraud) पर शिकायत करें, ताकि जल्दी से जल्दी कार्रवाई शुरु हो सके।
गृह मंत्रालय के आईफोरसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि 2023 में 921.59 करोड़ रुपये को बैंक खातों में रोका गया, जिसके चलते अपराधी उसे निकाल नहीं सके। उन्होंने कहा कि यह कुल साइबर अपराधियों द्वारा की गई धोखाधड़ी का 12.32 परसेंट है। पिछले 3 साल में पैसे ब्लॉक करने के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
2022 में 7.32 परसेंट यानी 169.04 करोड़ और 2021 में 6.73 परसेंट यानी 36.38 करोड़ रुपये को बैंक खातों में ब्लॉक किया गया था। इस केंद्र का गठन (Cyber Fraud) कुछ ही समय पहले किया गया है। गुजरात और कर्नाटक में अदालत के जरिए पैसा वापस दिया जा रहा है।
50 परसेंट Cyber Fraud देश के बाहर से
साइबर ठगी के करीब 50 परसेंट मामले ऐसे हैं जहां गिरोह देश के बाहर से संचालित हो रहे हैं। इनमें म्यांमार, कंबोडिया से सबसे ज्यादा हैं। जबकि लोन ऐप संचालन चीन से ज्यादा है। इस मामले को विदेश मंत्रालय (Cyber Fraud) के जरिए संबंधित देशों के समक्ष भी उठाया गया है।
5 तरह की साइबर ठगी सबसे ज्यादा
- सबसे ज्यादा साइबर ठगी (Cyber Fraud) के 1.59 लाख मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें इंवेस्टमेंट का भरोसा दिलाकर ठगी होती है।
- लोन ऐप के जरिए साइबर ठगी भी खूब हुई है। इसके 85 हजार मामले दर्ज हुए हैं।
- तीसरे नंबर पर कस्टमर केयर के नाम पर होने वाली ठगी के 43 हजार मामले हैं।
- चौथे नंबर पर टेकओवर यानी नकली पहचान फोटो दिखाकर ठगी की जाती है। इसके 38 हजार मामले दर्ज हुए हैं।
- पांचवें नंबर पर सेक्सटॉर्शन के 19 हजार केस हैं। हालांकि ये केस ज्यादा हो सकते हैं।
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