अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 तय की गई है. पर क्या आप जानते हैं रमलला की प्राण प्रतिष्ठा का शिवाजी के राज्याभिषेक से भी एक कनेक्शन है.

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराने का दायित्व छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक कराने वाले गागाभट्ट के वंशज आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित को मिला है.

काशी के ख्यात कर्मकांडी विद्वान आचार्य लक्ष्मीकांत मथुरानाथ दीक्षित अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के सभी अनुष्ठान कराएंगे.

86 वर्षीय आचार्य पं लक्ष्मीकाांत के सुपुत्र पं जयकृष्ण दीक्षित ने बताया कि वे लोग महापंडित गागाभट्ट के 11वीं पीढ़ी के हैं.

राज्याभिषेक के बाद जब शिवाजी काशी आए तो उनके साथ महापंडित गागाभट्ट भी आए थे.

अब लक्ष्मीकांत दीक्षित और उनका परिवार वाराणसी में रामघाट के मंगला गौरी मंदिर के पास निवास करता है.

आचार्य दीक्षित के साथ उनके 2 पुत्र अरुण कुमार दीक्षित और सुनील कुमार दीक्षित भी अयोध्या जाएंगे.

प्राण प्रतिषठा अनुष्ठान अयोध्या में 17 जनवरी से आरंभ हो जाएंगे. इसके लिए कर्मकांडी ब्राह्मणों का दल 16 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगा.

कर्मकांड के लिए देशभर से कुल 121 ब्राहम्णों को आमंत्रित किया गया है. इनमें से 50 से ज्यादा काशी के हैं.

कर्मकांडी विद्वान आचार्य लक्ष्मीकांत मथुरानाथ दीक्षित के नेतृत्व में 17 जनवरी से  121 कर्मकांडी ब्राह्मण सारे अनुष्ठान करेंगे.