UPI Verification : केंद्र सरकार UPI भुगतान को सेफ बनाने के लिए नई व्यवस्था लागू कर सकती है। इसके तहत 5 हजार रुपये से अधिक के लेनदेन के लिए नई अलर्ट प्रणाली लाई जा सकती है। इसमें अगर उपभोक्ता या विक्रेता इस राशि से ज्यादा भुगतान UPI से करता है तो उसे कॉल या SMS के जरिए, अलर्ट भेजा जाएगा और लेनदेन को वेरिफाइड (UPI Verification) करने के लिए कहा जाएगा। सत्यापन के बाद ही खाते से पैसा कटेगा।
हाल ही में साइबर धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए वित्त मंत्रालय में बैठक बुलाई गई थी। इसमें वित्त, राजस्व, IT मंत्रालय और राष्ट्रीय भुगतान निगम के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में कई उपायों पर चर्चा की गई। खासकर UPI से होने वाली ठगी को रोकने के कई प्रस्ताव सरकार को मिले हैं, जिसमें अलर्ट प्रणाली भी शामिल है।
सभी के लिए लागू होगी
बताया जा रहा है कि यह अलर्ट प्रणाली शुरू में नए उपयोगकर्ताओं या विक्रेता के लिए लागू की जाएगी। बाद में सभी के लिए यह सुविधा उपलब्ध होगी। बैंक, वित्तीय संस्थान और वर्ड पार्टी ऐप्स इस फास्ट अलर्ट और सत्यापन प्रणाली को अपना सकते हैं। हालाकि, कई वित्त संस्थानों ने पहले से ही इस तरह की सिस्टम को लागू किया हुआ है लेकिन उसमें भुगतान की लिमिट अधिक होती है।
बंद किए जा चुके हैं लाखों नंबर
ऑनलाइन बैंकिग ठगी को लेकर सरकार पहले ही सख्त रवैया अपना चुकी है। इसके तहत शुरुआती कदम के रूप में लाखों मोबाइल नंबरों को बंद किया गया है। संदिग्ध लेन-देन में संलिप्तता के कारण सरकार पहले ही 70 लाख मोबाइल नंबरों को सस्पेंड कर चुकी है।
इस तरीके से होगा वेरिफिकेशन
UPI verification is mandatory for transfers above 5000
इस सिस्टम के तहत जब कोई यूजर पहली बार किसी दूसरे शख्स या दुकानदार को UPI से पांच हजार रुपये से ज्यादा का भुगतान करेगा तो सबसे पहले उसके पास वेरिफिकेशन कॉल आएगी या SMS भेजा जाएगा। यूजर को इस भुगतान के लिए कंफर्मेशन देनी होगी। इसके बाद अपना पिन नंबर डालना होगा। दो चरणों में वेरिफिकेशन (UPI Verification) होने के बाद पेमेंट पूरा होगा। अगर वेरिफिकेशन प्रोसेस किसी भी स्तर पर पूरी नहीं होती है तो पेमेंट अटक जाएगा।
राष्ट्रीय भुगतान निगम ने भी हाल में सभी बैंकों और ऐप्स कंपनियों से कहा था कि वे उन ग्राहको का सत्यापन करें, जिनके UPI खाते से लंबे वक्त तक कोई डिजिटल लेनदेन नहीं किया गया है और खाता डिएक्टिवेट है। ऐसे ग्राहकों को फिर से KYC करवाना होगा, जिसके तहत बैंक खाता नंबर और मोबाइल नंबर का वेरिफिकेशन किया जाएगा। अगर 31 दिसंबर 2023 तक वेरिफिकेशन पूरा नहीं होता है तो नए साल से संबंधित ग्राहक UPI का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
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