Deepfake : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का गलत इस्तेमाल कर डीपफेक वीडियो बनाए जाने पर अपनी चिंता जताई है। पीएम मोदी ने चेताया है कि डीपफेक एक बड़े संकट की वजह बन सकता है। इससे पहले एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो भी वायरल हुआ था। आइये जानते हैं की डीपफेक है क्या और इसे एक खतरनाक बहुरूपिया क्यों माना जा रहा है।
क्या है Deepfake Video ?
डीपफेक एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिससे एक रियल वीडियो में दूसरे व्यक्ति के चेहरे को फिट करके वीडियो बनाया जाता है। यह वीडियो बिल्कुल रियल लगता है। डीपफेक वीडियो बनाने के लिए AI की मदद ली जाती है। डीपफेक वर्ल्ड डीप लर्निंग अल्गोरिद्म टेक्नोलॉजी से आया है। ये टेक्नोलॉजी खुद को आंकड़ों की मदद से समस्याओं का समाधान करना सिखाती है और इसका इस्तेमाल रियल व्यक्ति का फेक कंटेंट बनाने में किया जा रहा है।
कैसे बनाए जाते हैं Deepfake ?
Deepfake बनाने के कई तरीके हैं, पर सबसे आम तरीके में डीप न्यूरल नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए फेस स्वैपिंग तकनीक का इस्तेमाल करते हुए फेस स्वैपिंग तकनीक का उपयोग किया जाता है। इसके लिए पहले डीपफेक के आधार के तौर पर इस्तेमाल के लिए टारगेट वीडियो की जरूरत होती है और इसके बाद उस शख्स की वीडियो क्लिप का कलेक्शन को टारगेट वीडियो में डालना होता है। वीडियो ेक दूसरे से पूरी तरह से अलग हो सकते हैं। एग्जाम्पल के लिए आपाक टारगेट हॉलीवुड फिल्म की क्लिप हो सकती है और जिस शख्स का वीडियो आप फिल्म में डालना चाहते हैं, उसकी फोटो को टारगेट वीडियो में दूसरे शख्स की जगह पर डाल देता है।
इसके बाद जेनरेटिव एडवरसेरियल नेटवर्क की मदद से इसे मिक्स किया जाता है। ये कई राउंड में डीपफेक में किसी भी तरह की कमी को पहचान कर उसे दूर करती है। ऐसे में डीपफेक की पहचान करने वालों के लिए इसे डिकोड करना कठिन हो जाता है।
कैसे पहचाने Deepfake
क्या डीटेल्स धुंधली या क्लीयर नहीं है
आप स्किन या बोलों पर गौर करें, चेहरे को ध्यान से देखे। वीडियो आपको कुछ धुंधला या ब्लर भी दिखेगा.
वर्ल्ड या आवाज विजुअल्स के साथ मैच नहीं करते
अगर वीडियो फेक है लेकिन मेन ऑडियो के साथ सावधानी से छेड़छाड़ नहीं की गई है तो हो सकता है कि व्यक्ति का ऑडियो मैच न करें.
Deepfake बनाने वाले ऐप
डीपफेक बनाने का प्रोसेस कठिन है पर इसके सॉफ्टवेयर आसानाी से मिल जाते हैं। कई ऐप नए लोगों के लिए भी डीपफेक बनाना आसान बना देता है। जैसे चीनी ऐप जेडएओ, डीपफेक लैब, फेकएप और फेस स्वैप। यही नहीं ओपन सोर्स डेवलप्मेंट कम्यूनिटी GitHub पर बड़ी संख्या में डीपफेक सॉफ्टवेयर एवलेबल है।
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