Bharat Atta : चुनावी सीजन में सरकार महंगाई को लेकर काफी चिंतित दिख रही है। अगले 5 साल तक 80 करोड़ गरीब जनता को मुफ्त में राशन देने की घोषणा के बाद सरकार अब आटा और दाल भी सस्ते दाम पर मुहैया कराने जा रही है। सोमवार से सरकार खुले बाजार की तुलना में सस्ते दाम पर भारत आटा बेचने की शुरुआत करने जा रही है। इसकी कीमत (Bharat Atta) 27 रुपये प्रति किलो हो सकती है। खुले बाजार में दूसरे ब्रांड के आटे की कीमत 35-40 रुपये प्रति किलो पर बिक रही है।
Government sell Bharat Atta at Rs 27 per kg
गेंहूं की लगातार बढ़ती कीमत की वजह से त्योहारी सीजन में आटे के मूल्य में तेजी की आशंका को देखते हुए सरकार ने सस्ते दाम पर आटा (Bharat Atta) बेचने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल सोमवार को भारत आटा बेचने की शुरुआत करेंगे। सरकार की यह कोशिश अगले साल चुनाव तक जारी रह सकती है। सस्ते दाम पर उरत दाल की बिक्री केंद्रीय भंडार में पहले से की जा रही है।
प्याज, दाल और आटे की बढ़ती कीमत खुदरा महंगाई को बढ़ा सकती है जिसे सरकार हर हाल में कंट्रोल में रखना चाहती है। महंगाई में बढ़ोत्तरी से चुनाव में विपक्षी दलों को सराकर के खिलाफ मुद्दा मिलेगा। वहीं बढ़ती महंगाई विकास की रफ्तार भी कर कर सकती है। इसलिए सरकार अपने स्टॉक से 2.5 लाख टन गेहूं केंद्रीय भंडार व को ऑपरेटिव स्टोर को 21.50 रुपये प्रति किलो की दर से दे रही है।
सरकार ने इस गेहूं से बनने वाले आटा पर अधिकतम पांच रुपये प्रति किलो का मुनाफा तय किया है। आमतौर पर मिल में गेहूं के आटे में बदलने की लागत 1.80-2 रुपये प्रति किलोग्राम होती है।
10-30 Kilo के पैक में मिलेगा Bharat Atta
FCI के बफर स्टॉक में गत 1 नवंबर को 218 लाख टन गेहूं था। इसलिए सरकार के पास गेहूं की कोई कमी नहीं है। भारत आटा को बाजार में उतारने से आटा की खुदरा कीमत में कमी आएगी। भारत आटा (Bharat Atta) 10 व 30 किलो के पैक में मार्केट में उपलब्ध कराया जा सकता है।
प्याज-दाल और चीनी के दाम पर भी सरकार की नजर
सरकार प्याज, दाल और चीनी की कीमतों पर भी नजर रख रही है। केंद्रीय भंडार व अन्य माध्यम से सरकार देशभर में 250 से अधिक जगहों पर 25 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज बेच रही है। खुले बाजार में प्याज की कीमत 80-90 रुपये प्रति किलोग्राम तक है।
हालांकि, दिवाली तक बाजार में राजस्थान और अन्य जगहों से प्याज की आवक बढ़ने से दाम में राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है। गन्ने की फसल प्रभावित होने से इस बार चीनी के उत्पादन में कमी की आशंका है। इससे चीनी के दाम बढ़ने का आसार है। बोआई में कमी से दाल में पिछले 2 महीनों से मजबूती का रुख है और भारी मात्रा में दाल का आयात किया जा रहा है।
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