Same Sex Marriage : भारत में पिछले एक साल से समलैंगिक शादी का मुद्दा काफी तेजी से उठा है। इस मामले की सुनवाई भी सुप्रीम कोर्ट में चल रही थी। 17 अक्टूबर 2023 को समलैंगिक शादी के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी आ गया। सेम सेक्स मैरिज पर सुप्रीम कोर्ट की 5 बेंच वाली जजों ने फैसला सुनाया है। सीधे शब्दों में समझे तो इसे लीगल रिकॉग्निशन नहीं दिया गया। समलैंगिक जोड़े बच्चा गोद नहीं ले सकते। हालांकि इस पर सभी जजों की एक जैसी सहमती नहीं थी, पर मेजॉरिटी को देखते हुए ये फैसला लिया गया। अब बात करते हैं, Same Sex Marriage किन देशों में लीगल है और कहां इसे लेकर काफी कड़े कानून है।
किन देशों में लीगल है Same Sex Marriage
रिपोर्ट के अनुसार, 195 देशों में से अब तक 34 देश ऐसे हैं, जिन्होंने सेम सेक्स मैरिज को लीगल कर दिया है। नवबंर 2024 में ये बढ़कर ये 35 हो जाएगा। इस लिस्ट में, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, यूएस, UK, कनाडा, स्वीडन, स्पेन, ताइवान जैसे देश शामिल हैं। इसमे 10 देश ऐसे हैं, जहां कोर्ट ने इसे लीगल किया है- इसमें ऑस्ट्रिया, ब्राजील, कोलंबिया, मेक्सिको, स्लोवेनिया जैसे देश शामिल हैं। वहीं ताइवान और साउथ अफ्रिका ने इसे कोर्ट के आदेश के बाद लीगल किया था।
किन देशों में है Same Sex Marriage पर कड़ी सजा
दुनिया भर में 64 ऐसे देश है जहां, सेम सेक्स मैरिज को अपराध माना गया है। कई देश ऐसे भी हैं, जहां ऐसा करने पर मौत तक की सजा है। इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान, UAE, सोमालिया, कतर शामिल है जहां ऐसा करना अपराध है। यूगांडा में तो ऐसा करने पर आजीवन कारावास और फांसी की सजा है।
किन देशों में समलैंगिक जोड़ों को बच्चा गोद लेने की है परमिशन
अर्जेन्टीना, ब्राजील, क्यूबा, बर्लीन, साउथ अफ्रीका और अमेरिका में अविवाहित समलैंगिक जोड़े के बच्चा गोद लेना का अधिकार है।
भारत में सेम सेक्स मैरिज को लेकर क्या है बवाल
साल 2022 में दिल्ली हाई कोर्ट में Same Sex Marriage को लीगल किया जाना चाहिए इसे लेकर एक पेटिशन फाइल की गई थी। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने पेंडिंग पेटिशन पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। इस पेटिशन में मांग थी कि सेम सेक्स मैरिज को स्पेशल मैरिज एक्ट में शामिल किया जाना चाहिए।
इस साथ ही ये भी मांग की गई थी कि गे कपल को बच्चा गोद लेने का भी अधिकार मिलना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बेंच ने 3:2 के तहत फैसला सुनाया जिसमें, 3 जजों ने इसके खिलाफ और 2 जजों ने इसका समर्थन किया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को ये भी निर्देश दिया है कि सरकार समलैंगिक जोड़े की चिंताओं के समाधान के लिए एक कमिटी बना सकती है। इसके अलावा पुलिस प्रशासन को भी समलैंगिक जोड़ों पर किसी तरह का दबाव न बनाने का निर्देश दिया है।
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