Dhannipur Mosque : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली प्रस्तावित मस्जिद (Dhannipur Mosque) पैगंबर मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह के नाम से जानी जाएगी। यह निर्णय गुरुवार को मुंबई में इस्लाम के अने पीरों-आलिमों की मौजूदगी में हुआ। तहफुज मोहम्मद कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष हाजी अराफात शेख के अनुसार, अयोध्या से करीब 30 km दूर लखनऊ मार्ग पर बनने वाली इस भव्य मस्जिद के नामकरण के लिए गुरुवार को बांद्रा में एक बड़े समारोह का आयोजन किया गया।
Dhannipur Mosque
धन्नीपुर में मस्जिद (Dhannipur Mosque) का निर्माण इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ऑफ इंडिया, सलामति पीर दरगाह ट्रस्ट और सुन्नी वक्फ बोर्ड ऑफ इंडिया की ओर से मिलकर किया जा रहा है।
इस समारोह में प्रस्तावित मस्जिद की एक फोटो भी जारी की गई। सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को अयोध्या के विवादित स्थान पर श्रीराम मंदिर के निर्माण का आदेश देते समय ही उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिए थे कि वैकल्पिक मस्जिद (Dhannipur Mosque) के लिए 5 एकड़ की जगह कहीं और उपलब्ध कराए। उत्तर प्रदेश सरकार ने यह भूखंड धन्नीपुर गांव में उपलब्ध कराया है।
9000 लोग एक साथ नमाज पढ़ सकेंगे
हाजी अराफत शेख के अनुसार, धन्नीपुर में बनने वाली इस भव्य मस्जिद (Dhannipur Mosque) में 9000 लोग एक साथ नमाज पढ़ सकेंगे। इनमें 4000 महिलाएं भी शामिल होंगी। मस्जिद में 5 भव्य द्वार होंगे और इसकी मीनारें 300 फीट ऊंची होंगी। हाजी अराफात शेख का कहना है कि इस मस्जिद के निर्माण में सभी धर्मों और जातियों का सहयोग लिया जाएगा।
मस्जिद परिसर में होगा कैंसर अस्पताल
पांच एकड़ के मस्जिद परिसर (Dhannipur Mosque) में एक कैंसर अस्पताल और गर्भवती महिलाओं के लिए भी एक अस्पताल का निर्माण होगा। इस अस्पतालों के साथ एक मेडिकल कॉलेज भी होगा। वोकहार्ड अस्पताल ने मेडिकल कॉलेज के छात्रों की शैक्षिक मदद और छात्रवृत्ति देने की जिम्मेदारी ली है।
मस्जिद के डिजाइन में भी होगा बदलाव
धन्नीपुर में प्रस्तावित मस्जिद की डिजाइन अब बदल दी गई है। पहले डिजाइन सामान्य तौर पर भारत में बनने वाली मस्जिदों की तरह थी, पर अब मस्जिद ट्रस्ट ने इसे मध्य पूर्व और अरब देशों में बनने वाली भव्य मस्जिदों की तर्ज पर बनाने का फैसला किया है।
इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट से जुड़े सुत्रों के अनुसार, मस्जिद की नई डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया गया है। अब यह पहले तय कि गए आकार से बड़ी होगी। अंतरराष्ट्रीय फार्मा कंपनी वाकहार्ट ग्रुप के प्रेसिडेंट डॉ हाबिल खोराकीवाला ने यहां 300 बिस्तरों वाला कैंसर अस्पताल स्थापित करने और उसे चलाने पर सहमति जताई है। कुछ महीनों से मस्जिद ट्रस्ट ने उत्तर प्रदेश को छोड़कर देश के अलग अलग राज्यों में फंड जुटाने का अभियान शुरु किया है।
मस्जिद का निर्माण जल्द शुरु होगा। हालांकि मस्जिद और अस्पताल का नक्शा अभी अयोध्या विकास प्राधिकरण के पास है। प्राधिकरण से नक्शा जारी कारने के लिए मस्जिद ट्रस्ट को विकास शुल्क के रुप में एक करोड़ रुपये का भुगतान करना है।
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