Sim Swapping Scam : बीते अप्रैल महीने में दिल्ली पुलिस ने एक शख्स से 20,000 सिम कार्ड बरामद किए। बाद में पता तला कि इसमें से 16 हजार सिम तो देश की तीन टॉप सेलुलर कंपनियों के हैं, जबकि बचे सिम पड़ोसी देशों के थे। इससे पहले पुलिस ने झारखंड के जामतारा से संचालित एक नेशनल ठगी नेटवर्क का भी भंडाफोड़ किया था, जो कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव, बैंकं और ई-कॉमर्स कंपनियों के कर्मचारी बनकर लोगों से ठगी कर रहे थे।
हरियाणा पुलिस ने भी बीते दिनों नूंह जिले में साइबर अपराधियों के ऐसे गैंग को पकड़ा था, जो देश भर में 28 हजार से अधिक साइबर ठगी की घटनाओं को अंजाम दे चुका था।
अगर आपके मोबाइल में फोन कॉल , मैसेज या फिर ऑनलाइन अकाउंट के एक्सेस अचानक बंद हो जाएं, तो पॉसिबल है कि आप सिम स्वैपिंग (Sim Swapping Scam) का शिकार हो गए हैं। सिम स्वैपिंग को आसान शब्दों में समझें तो इसमें स्कैमर आपके मोबाइल फोन के ऑपरेटर को अपने विश्वास में लेकर आपके नंबर पर किसी दूसरे सिम को एक्टिव करा लेता है। इसके बाद आपके फोन नंबर पर उसका पूरा कंट्रोल हो जाता है। जब आपक कोई फोन या मैसेज करते हैं तो ये आपके फोन के बजाय सीधे स्कैमर की डिवासइस में जाने लगता है। स्कैमर आपके बैंक अकाउंट को भी अपने कंट्रोल में ले सकता है।
कैसे होता है सिम स्वैप
स्कैमर पहले प्राइवेट जानकारियों को अलग अलग जरियों से जुटाना शुरु कर देते हैं। इसके बाद वे सिम जारी करने वाली कंपनी को फोन कर नया सिम जारी (Sim Swapping Scam) करने को कहते हैं। अब आप सोच रह होंगे, कस्टमर एग्जिक्यूटिव को वह आपकी निजी जानकारियां कैसे बताता है।
दरअसल, इसके लिए स्कैमर फिशिंग मेल, मालवेयर या इंटरनेट मीडिया पर रिसर्च कर सभी जानकारियों को इकट्ठा कर लेते हैं। वे किसी लिंक के जरिए भी जानकारियों में सेंध लगा सकते हैं। वे डार्क वेब से भी किसी की निजी या वित्तीय जानकारियों को खरीद सकते हैं।
सिम स्वैपिंग का कैसे पता चलेगा
- सिम स्वैपिंग (Sim Swapping Scam) होने की दशा में कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे फोन कॉल करने या किसी को मैसेज सेंड में परेशानी
- किसी जानकारी का नोटिफिकेशन मिलना बंद हो जाना
- लॉग इन क्रिडेंशिल का निष्क्रिय हो जाना
- खाते से बिना आपकी जानकारी के ट्रांजेक्शन हो जाना।
Sim Swapping Scam से कैसे बचे
- अकाउंट की सेफ्टी के लिए पासवर्ड हमेशा हाई यानी मजबूत बनाए और सिक्योरिटी क्वेश्चन के आन्सर नॉर्मल टाइप के न दें
- फिशिंग मेल से बचकर रहे। कोई भी बैंक क्रेडिट कार्ड प्रोवाइडर ई मेल के जरिए आपकी प्राइवेट या वित्तीय जानकारी नहीं मांगता
- कुछ बैंक और टेलीकॉम कंपनियां इस स्थिति में ग्राहकों को कॉल बैक की सेफ्टी देती है
- गूगल ऑथेंटिकेटर जैसे ऐप की मदद से ऑनलाइन सेफ्टी को मजबूत बना सकते हैं
- पासकोड या पिन को सेट करते वक्त हमेशा सावधान रह
फर्जी सिम, सिम स्वैपिंग (Sim Swapping Scam), फर्जी आधार और मोबाइल नंबर से धोखाधड़ी का यह सिलसिला अब हर दिन ही सुनने या देखने को मिल जाता है। साइबर अपराधी नए नए तरीकों से घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। यही कारण है कि अब इन अपराधों पर लगाम के लिए भारत सरकार सिम कार्ड डीलर के पुलिस वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर बल्क कनेक्शन जारी करने की व्यवस्था को खत्म करने जा रही है।
अब नए नियमों को लागू कर वेरिफिकेशन प्रोसेस को सख्त बनाने पर जोर दिया जा रहा है। प्रस्तावित नियम 1 अक्टूबर से लागू किए जाएंगे। केंद्र सरकार ने मई 2023 के बाद से 52 लाख से अधिक मोबाइल कनेक्शन को डीएक्टिवेट और 67 हजार डीलर को ब्लैकलिस्ट कर दिया है।
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