Kota Student : 18 साल का मनजोत अपने दोस्तों से जब भी राज्सथान के कोटा में स्टूडेंट्स सूसाइड पर चर्चा करता था तो अक्सर कहता था, कि अगला नंबर उसका है। फिर गुरुवार को मेडिकल कॉलेज की स्टूडेंट मनजोत सिंह (Kota Student) ने वही किया जो वो अक्सर कहता था। कमरे में उसकी लाश मिली। मनजोत ने सुसाइड कर लिया और सुसाइड नोट में वो लिखा, जो पढ़कर उसके अपने हर पल उसे याद कर रोएंगे।
मनजोत (Kota Student) ने अपने पिता को बर्थडे विश करते हुए एक नोट छोड़ा। एक अलग नोट में, मनजोत ने लिखा “Sorry” लिखा, तीसरे नोट में उसने लिखा कि- उसके इस कदम के लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। दीवार पर चिपकाए गए नोट में लिखा था, “मैंने यह अपनी मर्जी से किया है। इसलिए मेरे दोस्तों और माता-पिता को परेशान न करें।”
दोस्तों ने पुलिस को बताया कि मनजोत (Kota Student) एक ब्रिलियंट स्टूडेंट था और मौज-मस्ती करने वाला स्वभाव का था। पुलिस अधिकारी धर्मवीर सिंह ने छात्र के दोस्तों के हवाले से न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि उसने 12वीं कक्षा की परीक्षा में 93% अंक हासिल किए थे और कोचिंग इंस्टिट्यूट में रेगुलर एग्जाम्स में भी अच्छा प्रदर्शन कर रहा था।
उत्तर प्रदेश के रामपुर के रहने वाला मनजोत सिंह मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा था। मनजोत अप्रैल में कोटा (Kota Student) आया और NEET की तैयारी के लिए एक कोचिंग सेंटर में दाखिला लिया। न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के अनुसार, मनजोत अपने तीन क्लासमेट्स के साथ कोटा आया था, जो एक ही हॉस्टल में अलग-अलग कमरों में रहते थें।
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मनजोत का शव गुरुवार सुबह उनके हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटका मिला। उसके हाथ पीछे की ओर बंधे हुए थे। मनजोत को इस हाल में देखने के बाद तुरंत, हॉस्टल के अधिकारियों को सूचित किया गया और पुलिस को बुलाया गया। मनजोत के परिवार को घटना की जानकारी दी गई। पुलिस के अनुसार, आत्महत्या का सही कारण अभी पता नहीं चल पाया है।
पिछले 2 सालों में इतना छात्रों ने की आत्महत्या
मनजोत इस साल अब तक कोटा में आत्महत्या करने वाले 19वां छात्र था। वर्तमान में शहर के विभिन्न कोचिंग संस्थानों में दो लाख से अधिक छात्र प्रवेश परीक्षाओं के लिए कोचिंग ले रहे हैं। पिछले साल कोटा में कोचिंग छात्रों द्वारा आत्महत्या के कम से कम 15 मामले दर्ज किये गये थे।
इस बीच, शहर में छात्र आत्महत्याओं के बढ़ते मामलों के कारण हॉस्टल ओनर्स ने हॉस्टल रुम के पंखों पर स्प्रिंग्स लगाना शुरु कर दिया। इससे पंखों पर कोई भार बंधते ही पंखा नीचे गिर जाए। क्योंकि ज्यादातर सुसाइड वाले मामलो में पंखों का ही यूज किया गया था।
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