Tomato Price : टमाटर के दाम इन दिनों आसमान छू रहे हैं, कहीं 120 तो कहीं 140-160 रुपये किलो टमाटर बिक रहे हैं। आलम तो ये है कि घर में अब सब्जियों में टमाटर दिख ही नहीं रहें और न ही पकौड़ियों के दुकान पर टमाटर की चटनी। बरसात का आनंद भी कोई ले तो कैसे। पर लोगों का इंताजर अब जल्द खत्म होने वाला है, और टमाटर के दाम (Tomato Price) फिर से सस्ते होगें। आपूर्ति बढ़ने के साथ ही अगले 15 दिनों में टमाटर की कीमतें कम होने लगेंगी और एक महीने में नॉर्मल स्तर पर पहुंच जाएंगी।
हिमाचल से होगी आपूर्ति
मीडिया से बात करते हुए उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के सोलन और सिरमौर से बेहतर आपूर्ति के चलते राष्ट्रीय राजधानी में टमाटर की खुदरा कीमतें तुरंत कम हो जाएंगी। फिलहाल देश के कई शहरों में टमाटर की खुदरा कीमतें 100 रुपये से ऊपर पहुंच गई हैं।
इन महीनों में बढ़ती है टमाटर की कीमत
उपभोक्ता मामलों के सचिव ने बताया कि हर साल इसी समय टमाटर की कीमत (Tomato Price) बढ़ जाती है। हर देश में कृषि से जुड़ी वस्तु एक मौसमी स्थिति से गुजरती है। टमाटर जल्दी खराब होने वाली वस्तु है और कई प्रदेशों में बाडञ और बारिश के चलते आपूर्ति बाधित हुई है। उन्होंने कहा कि टमाटर ऐसी चीज है जिसका आप लंबे समय तक स्टॉक नहीं कर सकते हैं। जून-अगस्त और अक्टूबर-नवंबर भी कम उत्पादन के मौसम हैं और इस टाइम में कीमतों में आमतौर पर तेजी देखी जाती है।
मौसम पर निर्भर करता है टमाटर
उन्होंने कहा- 29 जून को टमाटर की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत 49 रुपये प्रति किलो थी जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 51.50 रुपये प्रति किलो थी। वर्तमान दर को किसी भी तौर पर सही नहीं ठहराया जा सकता है, लेकिन इससे साबित होता है कि टमाटर की बढ़ी हुई कीमत (Tomato Price) काफी कुछ मौसम पर निर्भर करती है। यह एक बड़ी समस्या है और सरकार इसे संभालने की कोशिश कर रही है।
30 जून को अखिल भारतीय आधार पर टमाटर का औसत खुदरा मूल्य 56.58 रुपये प्रति किलो रहा। मॉडल मूल्य 100 रुपये किलो जबकि अधिकतम मूल्य 123 रुपये प्रति किलो (Tomato Price) रहा।
ग्रैंड टोमेटो चैलेंज लॉन्च
सरकार ने शुक्रवार को ग्रैंड टोमेटो चैलेंज लॉन्च किया है। यह एक हैकथन की तरह है जहां पर टमाटर के प्रसंस्करण, भंडारण और मूल्य निर्धारण पर छात्रों से लेकर उद्योग जगत के लोगों से विचार आमंत्रित किए जा रहे हैं।
12 लाख टन तुअर दाल का आयात करेगा भारत
तुअर (अरहर) दाल की घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देने और मूल्य बढ़ोत्तरी को कंट्रोल करने के लिए भारत चालू वित्त वर्ष 12 लाख टन दाल का आयान करेगा। यह पिछले साल के मुकाबले 35 परसेंट अधिक है। उपभोक्ता मामलों के सचिव ने बताया कि पिछले साल की तुलना में तुअर की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत 25 परसेंट बढ़कर 128.66 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है, पर आयात शुरु होने के बाद दाम कम होने लगेंगे।
देश का तुअर उत्पादन फसल वर्ष 2022-2023 (जुलाई-जून) में पिछले साल के 39 लाख टन रहा। कुमार ने बताया हम लगभग 44-45 लाख टन तुअर दाल की खपत करते हैं। हर साल हमें आयात करना पड़ता है। इस साल अब तक देश में 6 लाख टन तुअर का आयात हो चुका है। आयात म्यांमार और पूर्वी अफ्रीकी देशों से किया जाता है। अफ्रीकी देशों में अगस्त में फसल आनी शुरु हो जाएगी, जिससे घरेलू कीमतें कम हो जाएंगी। वित्त वर्ष 2022-2023 के दौरान देश में 8.9 लाख टन तुआर दाल का आया किया गया था।
सचिव ने कहा कि अरहर के अलावा उड़द की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत 7.22 परसेंट बढ़ गई है। म्यांमार से आपूर्ति में सुधार के साथ कीमतें कम होने लगेंगी। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कृषि मंत्रालय से खरीफ प्याज की कीमतों में किसी भी तेजी से बचने के लिए अधिक प्रोत्साहन देने को कहा है। आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि सर्दी के मौसम में प्याज की कीमतें बढ़ जाती है, क्योंकि रबी फसल के जिस प्याज का भंडारण किया जाता है, वह खत्म हो जाता है।
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