Odisha Train Accident : ओडिशा के बालासोर में 2 जून शुक्रवार को हुए भयंकर ट्रेन हादसे ने पूरे देश को हिला दिया है। एक साथ इतनी मौतों ने पूरे देश की आंखें नम कर दी है। 3 ट्रेनों के एक्सीडेंट में अब तक 280 लोगों की मौत और 900 लोगों के घायल होने की बात सामने आई है। वहीं रेस्क्यू में बचाए गए कुछ चश्मदीदों (Odisha Train Accident) ने भी अपना बयान दिया है। किसी की आंखें खुली तो आस पास बस लाशें ही लाशें दिखी तो किसी को एक पल के लिए समझ ही नहीं आया कि हुआ क्या। आइये चश्मदीदों से जानते हैं, ट्रेन हादसे के बाद का खौफनाक मंजर।
तेज आवाज हुई, और आंख खुलने पर लाश ही लाश
ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) में बाल-बाल बचे एक 19 साल के लड़के निवास कुमार ने मीडिया को बताया, कि वो अपने दादा के साथ हावड़ा से बिहार जा रहा था। निवास ने बताया कुछ देर पहले तक सब ठीक था बच्चे खेल रहे थें। सब चैन से सो रहे थें, अचानक तेज आवाज हुई कान सुन्न से पड़ गया और आंख बंद हो गई। होश आया तो खौफनाक मंजर था, चारों तरफ लाशें ही लाशें थी। लोगों के चीखने-चिल्लाने की आवाजे आ रही थी। निवास भी बेहोश हो गया था। उसे रेस्क्यू कर एंबुलेंस से हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।
किसी के हाथ, किसी के पैर पड़े थें
एक अन्य यात्री (Odisha Train Accident) ने बताया कोच यात्रियों से खचाखच भरी थी। जब ट्रेन पलटी तो यात्री सो रहा था। अचानक एक तेज झटका लगा और आंख खुली तो 10-15 लोग उस यात्री को ऊपर गिर गए। किसी तरह बच बचाकर रेंगते रेंगते जब वो बाहर निकले, तो देखा किसी के हाथ किसी के पैर नहीं थे और किसी का चेहरा बिगड़ा पड़ा था। उस यात्री को भी कई जगहें चोट लगी है, पर शुक्र है कि उस यात्री की जान बच गई।
वाशरुम में थी वंदना बाल बाल बची
वंदना नाम की एक यात्री भी कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन में सफर कर रही थीं, उस वक्त वो ट्रेन के वाशरूम में थी। वंदना ने बताया कि वाशरूम में तेज झटका लगा, बाहर आकर देखा तो सारा सामान इधर उधर पड़ा था। लोग एक दूसरे के ऊपर गिरे पड़े थें। पूरी बोगी टेढ़ी हो गई थी। कुछ पल के लिए समझ ही नहीं आया कि हुआ क्या। इस हादसे में वंदना बाल बाल बच गई। उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला कर हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया।
लाशों की ढेर में बेटे को ढूंढता पिता
सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी काफी वायरल हो रहा है, जिसमें एक 65-70 साल के बुजुर्ग शवों के ढेर में अपने बेटे को ढूंढ रहे हैं, पर बेटा कहीं दिख नहीं रहा। आंख से आंसू निकल रहे हैं। पूछने पर बताया बेटा कोरोमंडल एक्सप्रेस (Odisha Train Accident) में था, उनका घर सुगोह में है। बताते बताते बुजुर्ग रो पड़े और बोला बेटा मिलता नहीं, पुलिस को भी बताया। इस तरह के कई खौफनाक मंजर इस ट्रेन हादसे में दिखे। कोई अपनी बेटी, तो कोई अपना साथी तो किसी के घर के 3-3 बेटे ही इस हादसे में गुजर गए।
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