Nand Kishore Rungta : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने वाराणसी दौरे पर प्रदेश में सुदृढ़ हुई कानून व्यवस्था को लेकर कहा था कि आज कोई अपराधी और माफिया सीना तानकर नहीं चल सकता। कोई माफिया किसी नंद किशोर रूंगटा का अपहरण करने का दु:साहस नहीं कर सकता। Nand Kishore Rungta के बारे में शायद कुछ लोग न जानते हों, और सीएम योगी ने ऐसा क्यों कहा इसके पीछे भी एक कारण हैं। जो जुड़ा है मुख्तार से, जिसे कोर्ट ने शनिवार को ही 10 साल की सजा सुनाई है। आईये जानते हैं कौन थें नंद किशोर जिनका नाम लेकर सीएम ने कई माफियाओं को उनकी सही जगह दिखा दी।
5 करोड़ के लिए कैसे हुआ नंद किशोर का अपहरण
विश्व हिंदू परिषद के कोषाध्यक्ष व कोयला कारोबारी नंद किशोर रूंगटा (Nand Kishore Rungta) का अपहरण 22 जनवरी 1997 को हुआ था। इस मामले में मुख्तार अंसारी को आरोपित बनाया गया था। पांच करोड़ की फिरौती के लिए मुख्तार ने अपने गुर्गे अताउर रहमान उर्फ बाबू सिकंदर को यह जिम्मा दिया था। हालांकि कुछ मीडिया वेबसाइट 3 करोड़ भी कहते हैं, हम इन दोनों में से सही कौन सा है इसकी पुष्टी नहीं करते। 3 हो या 5 फिरौती मांगी गई बात ये है।
कोयला व्यापारी बनकर गया था मुख्तार का गुर्गा
वाराणसी के भेलूपुर थाने क्षेत्र के जवाहर नगर एक्सटेंशन कॉलोनी में रहने वाले कोयला कारोबारी नंद किशोर रूंगटा (Nand Kishore Rungta) के घऱ अताउर रहमान हजारीबाग का कोयला कारोबारी विजय बनकर गया था। घर में बिजनेस डील को लेकर बातचीत के दौरान चाय पीने व दस्तावेज दिखाने के बहाने नंद किशोर रूंगटा को घर से बाहर ले गया। इस दौरान कार में बैठा कर कुछ देर तक घुमाया। कोयला कारोबार से जुड़े फर्जी दस्तावेज भी दिखाता रहा।
नशीली चाय पिलाकर किया था अपहरण
इसके बाद नशीली चाय पिलाई जिससे नंद किशोर सुध बुध खो बैठे। परिवार को फिन किया और उनके अपहरण की जानकारी देते हुए उसने 5 करोड़ रुपये की मांग की। चर्चा रही कि फिरौती की रकम दी भी गई थी लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला। उनकी हत्या कर शव को प्रयागराज में ठिकाने लगा दिया गया था।
मुख्तार ने दी थी धमकी
इसके बाद नंद किशोर रूंगटा के भाई महावीर प्रसाद रूंगटा ने एक दिसंबर 1997 को भेलूपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया था कि पांच नवंबर 1997 को शाम पांच बजे टेलीफोन पर उन्हें मुख्तार ने धमकी दी थी कि अगर पुलिस का सहयोग करेंगे तो बम से उड़ा दिया जाएगा। मुख्तार के गुर्गे गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थानांतर्गत महरुपुर गांव निवासी अताउर रहमान उर्फ बाबू भाग कर नेपाल चला गया। इस मामले की CBI जांच भी हुई थी, पर अताउर रहमान CBI के हाथ नहीं लगा।
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