Sudan War Explained : सूडान में पैरामिलिट्री फोर्सेस और आर्मी के बीच महीनों से तनाव चल रहा है। पैरामिलिट्री फोर्स के मुखिया यानी हेड का नाम है मोहम्मद हमदान और आर्मी की जनरल अब्दुल फतेह लीड कर रहे हैं। इन दोनों सेनाओं के मुखियाओं के बीच लोकतेंत्र को लेकर काफी मतभेद हैं। इसी के चलते इस देश में दो सेना आपस में ही भीड़ (Sudan War Explained) गए हैं। इस गृहयुद्धा का परिणाम ये हुआ कि 400 से अधिक लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। एक भारतीय की भी जान गोली लगने से गई है। साथ ही कर्नाटक के हाकी पीकी समुदाय के लोग वहां अब तक फंसे हुए हैं।
क्या है हिंसा की जड़ । Sudan War Explained
- सूडान में एक तनाशाह था, जिसका नाम उमर अल बशीर था। इस तानाशाह के खिलाफ देश भर में विरोध होने लगा। इस विरोध के बाद 2019 में मिलिट्री के जनरल्स ने मिलकर तानाशाह बशीर को यहां से उखाड़ फेंका।
- तानाशाह बशीर तो चला गया पर जनता का गुस्सा खत्म नहीं हुआ। जनता ने लोकतंत्र और चुनाव की मांग की, बात नहीं बनी तो जनता ने विरोध प्रदर्शन शुरु किया। तानाशाह के जाने के 4 महीने बाद जनता और फौज के बीच सहमती बनी की देश में लोकतंत्र को बहाल किया जाएगा।
- ये तय हुआ कि 2023 के अंत में सूडान में चुनाव कराया जाएगा। चुनाव होने में जो समय बचा था उसमें कार्यभार संभालने के लिए अब्दुल्ला हमदोग को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया। हमदोग ने 2019 अगस्त में पीएम की कुर्सी संभाली पर 2021 में फौज ने उनसे पीएम की कुर्सी छीन ली, और फौज के मुखिया अब्दुल फतेह खुद पीएम की कुर्सी पर बैठ गए।
- फतेह ने कहा कि 2023 के जुलाई में इलेक्शन होने पहले तक वो इस कुर्सी पर बैठेंगे और देश की सत्ता चलाएंगे। इसके बाद सूडान के आर्मी और पैरामिल्ट्री के रिश्ते में दरार आनी शुरु हुई। आर्मी और पैरामिल्ट्री के बीच इसे लोकर दो मत है वो ये कि पैरामिलिट्री को फौज के अंडर किस तरह लाया जाना चाहिए।
- पर पैरामिलिट्री के मुख्या हमदान का ये मानना है कि पैरामिलिट्री को फौज के अंडर में लाए जाने के लिए 10 साल का समय लेना चाहिए। जबकि फौज इसके लिए सिर्फ 2 साल का समय देने को तैयार है। अब इस डिसएग्रिमेंट के बीच पैरामिलिट्री को हमदान अपने हिसाब से चलाने लगा, जिसे फौज ने गद्दारी (Sudan War Explained) करार दिया।
- इसके बाद बीते रविवार को फौज और पैरामिलिट्री के बीच शुरु हा युद्ध, और इस युद्ध (Sudan War Explained) में सूडान और वहां की जनता का काफी नुकसान हुआ है। इस हिंसा में एक भारती नागरिक अलबर्ट की गोली लगने से मौत हो गई। अलबर्ट केरल के कुन्नूर के निासी थे। अब अलबर्ट जैसे कई भारतीय नागरिक सूडान में फंसे हुए हैं।
- इन लोगों में कर्नाटक के हाकी-पीकी समुदाय के लोग भी शामलि हैं, जिन्होंने हाल ही में भारत से मदद मांगी है। ये भी कहा जा रहा है कि इनके लिए पीएम मोदी ने एक हाई लेवल मीटिंग ली है। हिंसा में चपेट में आए सूडान से यूएस, यूके, चाइना, रशिया समेत साउदी अरब और UN ने तुरंत शांति बनाए रखने की अपील की है।
- सूडान अफ्रिका का तीसरा सबसे बड़ा देश है। यहां लंबे समय से लोकतंत्र की बहाली के लिए ऐसे प्रोटेस्ट होते रहे हैं। पर फौज और पैरामिलिट्री के बीच जिस तरह की हिंसा (Sudan War Explained) हो रही है। उसे देखते हुए एक्सपर्ट का मानना है कि इस देश में लोकंत्र की बहाली आसान नहीं होगी। इस युद्द से देश की इकोनॉमी पर भी बुरा असर पड़ेगा।
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