Euthanasia : नीदरलैंड्स ने अपने इच्छामृत्यु (Euthanasia) नियमों का विस्तार करने का निर्णय लिया है। नए नियम के अनुसार, नीदरलैंड्स ने बच्चों के लिए इच्छामृत्यु मंजूर करने के लिए कानून बना दिया है। इसके साथ, नीदरलैंड्स 12 साल तक के बच्चों को इच्छा मृत्यु की अनुमति देने वाला दूसरा देश बन गया है। नीदरलैंड्स से पहले, बेल्जियम ने 2014 में बच्चों को यूथेनेशिया की अनुमति दी है। नीदरलैंड्स 2002 में सख्त नियमों के साथ इच्छामृत्यु और डॉक्टर के परमिशन से इच्छा मृत्यु की अनुमति देने वाला पहला देश है।
नीदरलैंड्स सरकार के बनाए गए नए कानून के तहत माता-पिता अपने मरणासन्न बच्चों को डॉक्टरों की हेल्प से इच्छामृत्यु मांग सकते हैं। नीदरलैंड्स के नए कानून के अनुसार, इच्छामृत्यु की मंजूरी सिर्फ उन्हीं बच्चों के लिए होगी, जो ऐसी बीमारी से गुजर रहे हों, जिसके ठीक होने की कोई उम्मीद नहीं हो और बच्चा असहनीय दर्द से गुजर रहा हो। सबसे जरूरी बात इस नियम में बच्चे खुद इच्छामृत्यु (Euthanasia) की अनुमति नहीं मांग सकते। बल्कि बच्चे के माता-पिता के आग्रह पर ही उसे इच्छामृत्यु दी जाएगी।
माता-पिता सिर्फ 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए इच्छामृत्यु (Euthanasia) का अनुरोध कर सकते हैं। इच्छामृत्यु के बारे में डच कानून क्या कहता है और कौन से नए बदलाव पेश किए जा रहे हैं? कौन से अन्य देश यूथेनिशिया की अनुमति देते हैं? आइये समझाते हैं।
इच्छामृत्यु तब होती है जब किसी की पीड़ा या असहनीय दर्द को रोकने के लिए किसी के जीवन को खत्म करने के लिए उसकी मर्जी से कदम उठाए जाते हैं। यदि पीड़ित व्यक्ति स्वयं प्रक्रिया का अनुरोध करता है, तो इसे “स्वैच्छिक इच्छामृत्यु” कहा जाता है।
पैसिव यूथेनेशिया क्या होता है
पैसिव यूथेनेशिया (Passive Euthanasia) में रोगी या परिवार के किसी सदस्य के अनुरोध पर “जीवन रक्षक उपचारों को वापस लेना या रोक दिया जाता है। भारत में सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में “पैसिव यूथेनेशिया” के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसमें पीड़ित को धीरे-धीरे लाइफ सपोर्ट से हटा दिया जाता है। इच्छामृत्यु को मर्सी किलिंग भी कहते हैं।
यूथेनेशिया की अनुमति देने वाले नीदरलैंड सबसे पहला देश
नीदरलैंड्स ने 2002 में इच्छामृत्यु (Euthanasia) को कानूनी मान्यता दी थी। नीदरलैंड ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश है। पर ऐसे ही किसी को इच्छा मृत्यु नहीं दी जा सकती। इसके नियम काफी सख्त रखे गए हैं। नीदरलैंड्स कानून के तहत इच्छामृत्यु के आग्रह की जानकारी मेडिकल रिव्यू बोर्ड को देना जरूरी है।
साल 2019 में एड स्टडी हुई, जिसमें पाया गया कि इस कानून में संशोधन की जरूरत है। इसके बाद नीदरलैंड ने अब गंभीर और खतरनाक बीमारी से जूझ रहे 1 से 12 साल के बच्चों के लिए भी इच्छा मृत्यु की मंजूरी देने के विचार पर जोर दिया गया।
इन देशों में है इच्छामृत्यु की अनुमति
बेल्जियम, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, लक्समबर्ग, जर्मनी, कोलंबिया, अमेरिका, कनाडा।
Follow our page on Facebook, Twitter and Instagram for more amazing facts, trending topics and News Articles.