Tick Borne Virus : कोरोना वायरस के मामले भारत में एक बार फिर से बढ़ रहे हैं। इस बार इसका स्ट्रेन पहले की तरह खतरनाक तो नहीं पर इसकी बुरी बात ये है कि ये फैलता काफी तेजी है। अब कोरोना के बीच एक नए खतरनाक वायरस ने दुनिये में दस्तक दे दी है। मतलब की एंट्री हो गई है। इस वायरस का नाम है टिक वायरस (Tick Borne Virus) । ब्रिटिश सरकार की एक रिलीज़ के अनुसार, इंग्लैंड में 2019 के बाद से टिक-जनित एन्सेफलाइटिस के तीन मामले सामने आए हैं। 2022 में यॉर्कशीयर में एक मामला आया, जो इंग्लैंड में पहला कन्फर्म मामला है। अब ये Virus फैल रहा है।
वायरस पहले हैम्पशायर, डोरसेट, और नॉरफ़ॉक और सफ़ोक सीमा क्षेत्रों में भी पाया गया है, लेकिन यह कहीं और भी मौजूद हो सकता है क्योंकि टिक प्रजाति कि जो virus फैल रही हैं, वो UK में बड़े पैमाने पर पाई जा रही हैं। अगर अभी भी नहीं समझे कि टिक क्या होता है तो फिर से बता दें, अगर आपने कोई पेट कुत्ता या बिल्ली पाला है तो देखा होगा उनके फर में एक किड़ा घूमता रहता है, जिसे आप कभी कभी हाथों से निकाल कर फेंक देते हैं या मार देते हैं। उसे ही टिक कहते हैं। ये वायरस इन्हीं टिक्स के जरिये फैल रहा है।
अब तक कहां-कहां मिले हैं Tick Borne Virus के मामले
टिक-जनित इन्सेफलाइटिस संक्रमण वायरस (encephalitis infection virus) जनित बीमारी है। ये फ्लेविविरिडे वायरल फैमली का सदस्य है। WHO के अनुसार, टिक-जनित एन्सेफलाइटिस के अब तक लगभग 10,000-12,000 क्लिनिकल मामले हर साल पूर्वी, मध्य, उत्तरी और अब तेजी से पश्चिमी देशों में देखे जा रहे हैं। यूरोपीय देश, और नॉर्थ चीन, मंगोलिया और रूसी संघ में ऐसे केस देखने को मिल रहे हैं।
Tick Virus के लक्षण । Symptoms of Tick Borne Virus
टिक-बोर्न एन्सेफलाइटिस वायरस (टीबीईवी) एक वायरस है जो जानवरों या लकड़ियों में रेंगने वाले कीड़े (Ticks) से फैल सकता है। यूरोप के कई देशों सहित दुनिया के कई हिस्सों में ये आम है। यह पूरी तरह से asymptomatic infection है। इसमें हल्के फ्लू जैसी बीमारी से लेकर मेनिन्जाइटिस या एन्सेफलाइटिस जैसे सेंट्रल नरवस सिस्टम में सीरियस इंफेक्शन तक हो सकता है। इसके लक्षण मैनिंजाइटिस के अन्य कारणों के समान हैं और इसमें सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, भ्रम या बेहोशी के साथ तेज बुखार हो सकता है।
Tick Borne Virus से कैसे बचें
आप लंबे पैंट या शूज़ पहनकर ऐसै एरिया में जाएं जहां टिक वायरस के केस मिले हों या मिल सकते हैं। ट्रैकिंग पर या जंगलों में जा रहे हैं तो वहां भी ध्यान दें। ये लकड़ियों पर भी होते हैं। इससे बचने के लिए वैक्सीन भी हैं, जिसे आप लगवा सकते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रोसेज्ड डेयीर प्रोडक्ट का भी इस्तेमला करने से बचें। इन थोड़ी सावधानियों से इस वायरस से बचा ज सकता है। फिलहाल ये वायरस अभी इंडिया में नहीं UK में है। फिर भी प्रिकॉशन्स को फॉलो करे और सेफ रहें।
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