Okinoshima Island : दुनिया में ऐसी कई अजीबो-गरीब जगह हैं, जिनके बारे में आपने सुना होगा, कहीं-कहीं तो आप जाना भी चाहते होंगे। पर क्या आपको ये पता है, दुनिया में एक ऐसा आइलैंड भी है, जहां सिर्फ मर्दों को जाने की परमिशन है। जी हां, इस आइलैंड पर महिलाओं के जाने पर पाबंदी है। साल भर में सिर्फ 200 मर्द ही इस आइलैंड पर आते हैं। पर इसके लिए भी काफी कड़े नियम हैं। इस आइलैंड का नाम है ओकिनोशिमा (Okinoshima Island), जो जापान में है। चलिए जानते हैं, इस अजीबो-गरीब आइलैंड के अजीबो-गरीब नियम।
आईलैंड पर है मुनाकाता ताइशा ओकित्सु मंदिर
जापान के मुनाकाटा तट पर फुकुओका में ओकिनोशिमा आइलेंड (Okinoshima Island) है। इस जगह को पवित्र माना जाता है। UNESCO ने भी इसे साल 2017 में विश्व धरोहरों की लिस्ट में शामिल किया है। ओकिनोशिमा आइलैंड कुल 700 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। कहा जाता है कि चौथी से नौवीं सदी तक ये द्वीप कोरियन आइलैंड और चाइना के बीच व्यापार का केंद्र था। यहां एक मुनाकाता ताइशा ओकित्सु नाम का पवित्र मंदिर है, जहां समुद्र की देवी की पूजा की जाती है।
क्यों महिलाओं के आने पर प्रतिबंध
इस पूरे आइलैंड (Okinoshima Island) को जापान के एक धर्म शिंटो कामी माना जाता है। शिंटो ब्लड यानी खून को अपवित्र मानते हैं। यही एक कारण है कि आइलैंड पर महिलाओं का आना मना है क्योंकि महावारी (menstruation) आइलैंड को अपवित्र कर सकती है। पर पुरुषों के लिए भी यहां आने पर नियम बनाए गए हैं, जिनका उन्हें सख्ती से पालन करना होता है।
मर्दों को भी इन नियमों का करना होता है पालन
मर्दों को भी इस मंदिर में दर्शन के लिए जाने से पहले कुछ नियमों का पालन करना होता है। आइलैंड पर जाने से पहले मर्दों को निर्वस्त्र होकर नहाना जरूरी होता है। मान्यता है कि आप यहां आते वक्त या यहां से वापस जाते वक्त कोई भी सामान लेकर नहीं जा सकते। एक घांस का पत्ता तक नहीं। वरना देवी नाराज़ हो जाएंगी।
ये है पौराणिक मान्यता –
इसके पीछे भी एक पौराणिक कहानी है, मान्यता है कि द्वीप (Okinoshima Island) की देवी से कोरिया के एक व्यापार मार्ग की रक्षा करने के लिए प्रार्थना की गई थी। सुरक्षित मार्ग के बदले में, मछुआरों ने उन्हें प्रसाद प्रदान किया, जिसमें तलवारें, लोहे की सिल्लियां, कांस्य ड्रैगन के सिर शामिल थे। प्रसाद पत्थरों के नीचे छुपाया गया था।
1600 के दशक में एक ईसाई सामंती लॉर्ड, कुरोदा नागमासा ने प्रसाद इक्ट्ठा कर उन्हें अपने महल के एक टॉवर में रख दिया। इसके बाद देवी का प्रकोप शुरु हुआ, जहां प्रसाद को रखा गया था वो टावर हिलना शुरू हो गया। नागामासा के लोगों को बीमारियाँ होने लगीं। नागमासा ने प्रसाद को द्वीप पर लौटा दिया, और परेशान करने वाली घटनाएँ रुक गईं।
Follow our page on Facebook, Twitter and Instagram for more amazing facts, trending topics and News Articles.