क्या आप जानते हैं कि दुनिया का सबसे कीमती मैटेरियल महंगे के साथ-साथ परमाणु बम (atom bomb) से भी ज्यादा खतरनाक है…एंटीमैटर (Antimatter) नामक तत्व को दुनिया का सबसे महंगा (most expensive Material) चीज माना जाता है। एंटीमैटर को हिंदी में प्रतिद्रव्य कहा जाता है। इसके एक ग्राम की कीमत 62.5 ट्रिलियन डॉलर तक है। आइये जानते हैं, इतने महंगे पदार्थ में आखिर ऐसा क्या है जो इसे खास बनाता है।
बिग बैंग से बना मैटर और एंटीमैटर
ऐसा माना जाता है कि जब ब्रह्मांड में बिग बैंग हुआ तो मैटर के साथ एंटीमैटर भी बना, लेकिन एंटीमैटर गायब हो गया। ऐसा क्यों हुआ, इसकी वजह वैज्ञानिक भी अभी तक नहीं खोज पाए हैं। कुछ का कहना है कि मैटर एंटीमैटर की तुलना में कम रहा होगा, जो कि धरती में बदलावों के दौरान गायब होता गया होगा। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि सुदूर ब्रह्मांड में एंटीमैटर मिलने की संभावना है।
मैटर क्या है
एंटीमैटर मैटर का अपोजिट है। मैटर एटम से मिलकर बना है. और एक एटम इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन से मिलकर बनता है। एटम के बीच में होते हैं प्रोटॉन, जिनमें पॉजिटिव चार्ज होता है, न्यूट्रॉन में कोई चार्ज नहीं होता, जबकि इलेक्ट्रॉन में निगेटिव चार्ज होता है।
एंटीमैटर क्या है
एंटीमैटर में ठीक इसका उलटा होता है। इसमें पाए जाने वाले एंटी-इलेक्ट्रॉन में पॉजिटिव चार्ज होता है, वहीं प्रोटॉन, जिसे एंटी-प्रोटॉन कहते हैं, उसमें निगेटिव चार्ज दिखता है। एंटीमैटर जिन चीजों से मिलकर बनता है, उन्हें एंटी पार्टिकल्स (antiparticles) यानी विरोधी कण कहते हैं। एंटीमैटर के बारे में सबसे पहले बताने वाले वैज्ञानिक का नाम पॉल डिरेक (Paul Dirac) है।
जब पार्टकल्स और एंटी पार्टिकल्स एक दूसरे से टकराते हैं तो, उनसे निकलने वाली एनर्जी एक दूसरे को नष्ट कर देती है। जब मैटर एंटीमैटर के संपर्क में आता है तो दोनों ही एक-दूसरे को नष्ट कर देते हैं। इस दौरान भारी ऊर्जा निकलती है। यानी ऐसा कहा जा सकता है कि एक मनुष्य को एंटी मैटर से बने दुनिया में भेज दिया जाए तो वह सेकेंड्स में ब्लास्ट होकर खत्म हो जाएगा, क्योंकि ह्यूमन बॉडी मैटर से बनी होती है। अभी कोई यह नहीं जानता कि प्रकृति ने एंटीमैटर को अस्वीकार क्यों किया।
कितना खतरनाक है एंटीमैटर
वैज्ञानिकों के अनुसार, करीब आधा किलो एंटीमैटर में दुनिया के सबसे बड़े हाइड्रोजन बम से भी ज्यादा विध्वंसक ताकत होगी, लेकिन इससे कोई उपयोगी ऊर्जा प्राप्त करने के लिए विशाल धन राशि चाहिए। नासा के प्रवक्ता के अनुसार, इस वक्त एक मिलीग्राम एंटीमैटर बनाने के लिए करीब 100 अरब डॉलर का खर्च बैठेगा।
एंटीमैटर टॉपिक पर हॉलीवुड में बनी हैं फिल्में-
टीवी सीरिज ‘स्टार ट्रेक’ में स्टारशिप एंटरप्राइज नामक अंतरिक्ष यान के संचालन के लिए एंटीमैटर रिएक्टर से ऊर्जा मिलती है। ‘द दाविंची कोड’ उपन्यास के लेखक डैन ब्राउन (Dane Brown) के अन्य उपन्यास (जो दा विंची कोड की ही श्रृंखला का ही है) ‘एंजल्स एंड डेमंस’ में एंटीमैटर के चुराए जाने की कहानी है। इस उपन्यास में एंटीमैटर को बम की तरह इस्तेमाल कर के उसे रोम के एक चर्च में छुपा दिया जाता है।
कितनी देर रह सकता है एंटीमैटर
दुनिया में अब तक 17 नैनोग्राम एंटीमैटर ही बन पाया है। एंटीमैटर को बनाना जितना कठिन है उतना ही कठिन है इसे स्टोर कर के रखना क्यों कि एक नॉर्मल बॉक्स या लैब में इसे नहीं रखा जा सकता, ऐसा करने से एंटीमैटर पल में ही ब्लास्ट हो सकता है। इसलिए इसे ऐसी जगह चाहिये होती है जहां ये हवा में ही टिका रहा। एंटीमैटर को अब तक 17 से 22 मिनट तक ही स्टोर कर के रखा जा सका है। इसके बाद ये खुद ही डेस्ट्राय हो जाते हैं। इस लिए भी इसकी कीमत इतनी ज्यादा है।