Famous Temples of Varanasi : वाराणसी यानी काशी यानी दुनिया की सबसे पुराने शहरों में से एक। लोग इसे धर्म की नगरी, आध्यात्म की नगरी, काशी नगरी, बाबा भोलनाथ की नगरी भी बुलाते हैं। मंदिरों के शहर वाराणसी में लोग दर्शन पूजन के लिए ज्यादा आते हैं। श्री काशी विश्वनाथ के मंदिर में शीश नवाते हैं। पर आपको बता दें कि वाराणसी में सिर्फ काशी विश्वनाथ मंदिर ही नहीं है, जिसकी इतिहास और वास्तुकला अद्भुत है, यहां और भी कई ऐसे प्राचीन मंदिर हैं, जिसकी वास्तुकला देख आप भी कहेंगे वाह!, तो चलिए उन मंदिरों में से हम आज आपको 4 मंदिरों (Famous Temples of Varanasi) के बारे में बताएंगे, जो अपने आप में कई इतिहास समेटे है और जिसी वास्तुकला अद्भुत है।
विशालाक्षी मंदिर । Vishalakshi Temple
विशालाक्षी मंदिर काशी विश्वनाथ मंदिर से कुछ दूरी पर गंगा के तट पर स्थित मीरघाट( मणिकर्णिका घाट) पर है। पुराणों के अनुसार जहाँ-जहाँ सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहाँ-वहाँ शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। जब भगवान शिव वियोगी होकर सती के मृत शरीर को अपने कंधे पर रखकर इधर-उधर घूम रहे थे, तब भगवती के दाहिने कान की मणि इसी स्थान पर गिरी थी। इसलिए इस जगह को ‘मणिकर्णिका घाट’ भी कहते हैं। मंदिर में दक्षिण भारतीय शैली में स्थापित माँ विशालाक्षी की मूर्ति अलौकिक है। काफी कम सैलानियों को इस मंदिर (Famous Temples of Varanasi) के बारे में पता चल पता है। अगर काशी आये तो इस मंदिर में जरूर जाएं।
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दुर्गामंदिर रामनगर वाराणसी । Durga Mandir, Ramnagar, Varanasi
ये मंदिर वाराणसी के रामनगर में स्थित है। माना जाता है कि इसे 500 साल पहले बनाया गया था। दुर्गा मंदिर अपने आप में पत्थर के बेहतरीन कला का उदाहरण है। जो उत्तर भारतीय पत्थर की कला का एक शानदार नमूना है। मंदिर का निर्माण काशी नरेश महाराजा बलवंत सिंह ने करवाया था। इस मंदिर का आर्ट वर्क देख कर आपको भारतीय होने पर गर्व होगा। सिर्फ साउथ ही नहीं नॉर्थ में भी बेहतरीन आर्टवर्क का मंदिर बढ़िया एग्जाम्पल है। शहर के भीतर एक और दुर्गा मंदिर है, जिसे 18वीं सदी में दुर्गाकुंड तालाब के बगल में बनाया गया है।
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तुलसी मानस मंदिर । Tulsi Manas Mandir
तुलसी मानस मन्दिर वाराणसी के आधुनिक मंदिरों में से एक है। यह मंदिर दुर्गाकुंड पर स्थित है, जो वाराणसी जंक्शन से लगभग पांच किलोमीटर दूर है। इस मन्दिर को सेठ रतन लाल सुरेका ने बनवाया था। पूरी तरह संगमरमर से बने इस मंदिर का उद्घाटन भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने सन् 1964 में किया था।
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इस मन्दिर के मध्य मे श्री राम, माता जानकी, लक्ष्मण एवं हनुमानजी विराजमान हैं। इनके एक ओर माता अन्नपूर्णा और शिवजी। दूसरी तरफ सत्यनारायणजी का मन्दिर है। इस मन्दिर के पूरे दीवार पर रामचरितमानस लिखा है। दीवारों पर रामायण के प्रसिद्ध चित्रण के बेहद सुंदर नक्कासी किया गया है । दूसरी मंजिल पर संत तुलसी दास विराजमान हैं। इसी मंजिल पर स्वचालित श्री राम व कृष्ण लीला भी होती है।
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न्यू विश्वनाथ मंदिर, BHU, वाराणसी । New Vishwanath Temple, BHU
न्यू विश्वनाथ मंदिर जिसे बिरला मंदिर भी कहा जाता है। ये मंदिर वाराणसी के पर्यटक (Famous Temples of Varanasi) आकर्षणों में से एक है। मंदिर बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में स्थित है, जो भगवान शिव को समर्पित है। न्यू विश्वनाथ मंदिर के शिखर की ऊंचाई लगभग 250 फीट है। न्यू विश्वनाथ मंदिर के निर्माण को पूरा होने में पैंतीस साल लगे (1931-1966)। मंदिर भारत में सबसे ऊंचे टॉवरों में से एक है। मंदिर की कुल ऊंचाई लगभग 77 मीटर है। इस मंदिर के निर्माण का जिम्मा बिड़ला परिवार ने लिया था।
यहां, भूतल पर शिवलिंग स्थापित है। इसके अलावा लक्ष्मी नारायण और दुर्गा मंदिर पहली मंजिल पर हैं। श्री विश्वनाथ मंदिर के भीतर नटराज, पार्वती, गणेश, पंचमुखी महादेव, हनुमान, सरस्वती और नंदी भी स्थापित हैं। मंदिर की दीवारों पर भगवद गीता का पूरा पाठ और पवित्र हिंदू शास्त्रों के अंश चित्रों के साथ बने हुए हैं।
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