Joshimath Crisis : जोशीमठ में जिस त्रासदी से गुजर रहा है, वो हम सब जानते हैं। सैकड़ों लोग बेघर हो रहे। सैकड़ों का बना बनाया बिजनस और घर खत्म हो गया। दीवार पर दरार नहीं, मानों दिलों पर दरार हो रहा हो। पर ये सब अचानक तो हुआ नहीं होगा। कही से तो इसकी शुरुआत हुई होगी। और क्या आप जानते हैं जोशीमठ में इस तरह के त्रासदी की चेतावनी 84 साल पहले ही दी गई थी। कुछ साल पहले चलते हैं, 24 दिसंबर 2009, वो दिन जब बड़े शहरों के जमीन के नीचे मेट्रो ट्रेन के लिए सुरंगे खोजी जा रही थी। उस वक्त एक बड़ी टनल बोरिंग मशीन (TVM) फंस गई और हजारों लीटर साफ पानी बहने लगा। काफी महीनों तक बड़ा से बड़ा इंजीनियर इस पानी को नहीं रो सका और न TVM चालू हुई। इस मशीन ने एक बड़े रिजरवॉयर में छेद कर दिया था। लंबे समय तक हर रोज 6-7 करोड़ लीटर पानी बहता रहा। और ये रिजरवॉयर खाली हो गया।
रिजरवॉयर खाली होने से सूख गई जमीन
वाटर रिजरवॉयर जोशीमठ (Joshimath Crisis) के ऊपर पास ही बहने वाली अलकनंदा नदी के किनारे पर खड़े पहाड़ के तीन किलोमीटर अंदर था। इस रिजरवॉयर के खाली होने से इलाके के कई छोटे नहर और झरने सूख गए। एक्सपर्ट ने बताया है कि बिना पानी के जोशीमठ के नीचे की जमीन सूख गई है और इसी वजह से पहाड़ों पर बसा जोशीमठ धंस रहा है।
शायद आपको न पता हो तो बता दें, कि पूरा जोशीमठ सैंड और स्टोन के ऊपर बसा है। टीवीएम मशीन से एक सुरंग गड़वाल के पास जोशीमठ में बन रहे विष्णुगढ़ हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के लिए खोदी जा रही है। ये NTPC का प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट के कारण जोशीमठ (Joshimath Crisis) में होने वाले आशंकित तबाही को लेकर इशारे किये गए थे, पर किसी ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया।
84 साल पहले से दी जा रही थी जोशीमठ में तबाही की चेतावनी
1939 में स्विज एक्सपर्ट्स ने दावा किया था कि जोशीमठ लैंडस्लाइड के ढेर पर बसा हुआ है और 1976 में मिश्रा कमिटी ने कंस्ट्रक्शन को लेकर चेतावनी भी दी थी। 1976 में भी जोशीमठ (Joshimath Crisis) में लैंडस्लाइड की कई सारी घटनाएं हुई थी। उस वक्त के गड़वाल कमिश्नर महेशचंद्र मिश्रा के नेतृत्व में सरकार ने एक कमिटी भी बनाई थी। उन्होंने निर्माण कार्य पर पूरी तरह रोक लगाने की सिफारिश भी की थी। और आज जोशीमठ धंसने की कगार पर आ गया है। एक्सपर्ट्स की माने तो अब जोशीमठ को धंसने से कोई नहीं रोक सकता।
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ISRO की रिपोर्ट
ISRO ने अपनी रिपोर्ट मे बताया था कि पिछले 12 दिनों में जोशीमठ में भू-धंसवा 5-4 सेंटीमीटर हुआ है। यह रिपोर्ट 27 दिसबंर 2022 से लेकर 8 जनवरी 2023 के बीच के स्टडीज के बाद सामने आई थी। ISRO ने अपने रिलीज में ये भी कहा था कि पिछले 7 महीनों में जोशीमठ में भू-धंसवा 9 सेंटीमीटर तक हुआ है।
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