Honey Bee Vaccine : एक तरफ जहां पूरी दुनिया में कोविड वैक्सीन और बूस्टर डोज लगवा रही है। वहीं,अमेरिका (USA) में मधुमक्खियों के वैक्सीन लगाने की तैयारी चल रही है। जी हां, ये दुनिया का पहला मधुमक्खयों का टीका (Honey Bee Vaccine) है। दरअसल ये टीका मधुमक्खियों को घातक बीमारी से बचाने के लिए लगाया जाएगा।। इस वैक्सीन को अमेरिका के व्यवसायिक मधुमक्खी पालनकर्ताओं को दिया जाएगा। पर अब सोचने वाली बात ये है कि इतनी छोटी और डंक मारने वाली मधुमक्खियों को ये वैक्सीन लगाई कैसे जाएगी। तो चलिये जानते हैं।
इस तरह दिया जाएगा मधुमक्खियों को वैक्सीन
मधुमक्खियों को (Paenibacillus larvae) नाम के एक खतरनाक बैक्टेरिया से बचाने के लिए इस वैक्सीन को लॉन्च किया गया है। इसे यूएस गवर्नमेंट ने अप्रूवल भी दे दिया है। अब बात करते हैं इसे मधुमक्खियों को लगाया कैसे जाएगा- तो बता दें, ये एक ओरल वैक्सीन है। इसकी खास बात यह होगी कि इसे मधुमक्खियों के छत्ते की श्रमिक मक्खियों के खाने में मिला दिया जाएगा। इसके बाद उस खास रॉयल जेली (Royal Jelly) में वह वैक्सीन (Honey Bee Vaccine) चली जाएगी जो रानी मक्खी (Queen Honeybee) खाती है।
3 हफ्ते में पूरे छत्ते को कर देते हैं संक्रमित
एक्सपर्ट्स की माने तो मधुमक्खियों को होने वाली इस बीमारी के जर्म्स उनके लार्वा में ही पनपते हैं, और एक बार मधुमक्खियों के छत्ते में ये संक्रमण फैल गया तो इससे छुटकारा नहीं पाया जा सकता। इसे सभी मधुमक्खिंया संक्रमित हो जाएंगी। इस बैक्टेरिया से निजात पाने का बस एक ही तरीका बचता है, कि मधुमक्खियों समेंत पूरे छत्ते को आग लगा दिया जाए। यह बैक्टीरिया काफी तेजी से मधुमक्खियों की दूसरी कॉलोनी में भी संक्रमण फैला देता है और सिर्फ 3 हफ्ते में पूरे छत्ते को संक्रमित करने की क्षमता रखता है।
अमेरिका की डालान एनिमल हेल्थ कंपनी ने बनाया है वैक्सीन
इस वैक्सीन (Honey Bee Vaccine) को बायोटेक कंपनी डालान एनिमल हेल्थ ने डेवेलप किया है। कंपनी का दावा है कि अमेरिकन फुलब्रूड, जो मधु मक्खियों के लिए सबसे विनाशकारी जीवाणु संक्रमणों में से है उसे खत्म करने के लिए बनाई गई है। कुछ समय पहले तक, इसके प्रकोप को एंटीबायोटिक दवाओं के नियमित उपयोग से नियंत्रित किया गया था, पर भारी मात्रा में एंटीबायोटिक के उपयोग से इसका मधुमक्खियों और उनके छत्तों पर निगेटिव इम्पैक्ट पड़ता है।
ट्रायल में दिखे शानदार नतीजे
साल 2022 में डालान कंपनी ने इस वैक्सीन का ट्रायल किया था, जिससे काफी अच्छे नतीजे देखने को मिले थे। ट्रायल के दौरान इस वैक्सीन ना केवल श्रमिक मक्खियों को मरने से बचाया जा सका बल्कि रानी मधुमक्खी (Queen Honeybee) को भी बीमारी से बचाने में हेल्पफुल रहा। इसके अलावा इस वैक्सीन से अगली जेनेरेशन की मधुमक्खियों में भी इस बीमारी से लड़ने का प्रतिरोध (resistance) आ गया। क्योंकि यह रानी मधुमक्खी की अंडाणु (Ovum) पर भी काम कर गई।
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