Immortal Jellyfish : इंसानों में ये इच्छा जरूर होती है कि, जब उनकी मौत सामने हो या आए तो वे उसे भी चकमा दे दे। फिल्मों में भी आपने ये अमर इंसानों की स्टोरी देखी ही होगी, जैसे कैप्टन अमेरिका, वुलवरीन और भी बहुत से हैं। पर क्या आप जानते हैं, इस पृथ्वी में जेलीफिश (Immortal Jellyfish) की एक ऐसी प्रजाती है जो सच में अमर है। ये जेलीफिश बार बार अपने यौवन (puberty) में लौट आने की क्षमता रखती है।
टूरिटोप्सिस डोहर्नी जेलीफिश जो होती है अमर
इस मछली का नाम है, टूरिटोप्सिस डोहर्नी जेलीफिश (Turritopsis dohrnii) जो बेहद छोटे आकार की होती है। इनके शरीर का डायामीटर 4.5mm (मिलीमीटर) होता है। इनकी लंबाई और चौड़ाई लगभग एक समान होती है। टूरिटॉप्सिस जेलीफिश समुद्र में खुद को वापस नए रूप में बदल लेते हैं, इसलिए इनकी कोई उम्र नहीं होती, पर छोटी सी लाइफ साइकिल (Lifecycle) जरुर होती है।
18-22 दिन में हो जाती है सेक्सुअली मेच्योर
समुद्र का तापमान (temperature) अगर 20 से 22 डिग्री है तो टूरिटोप्सिस डोहर्नी 25 से 30 दिनों में वयस्क (mature) होकर वापस बच्चा बन जाते हैं। लेकिन अगर समुद्र का तापमान 14 से 25 डिग्री है तो ये 18 से 22 दिन में ही सेक्सुअली मेच्योर (Sexualy Mature) होकर वापस बच्चा बन जाते हैं।
दो ही दिन में व्यस्क से बन जाती है बच्चा
टूरिटॉप्सिस, जेलीफिश (Turritopsis Dohrnii) की इकलौती ऐसी प्रजाति है, जिसे अमरता ((Immortal Jellyfish)) प्राप्त है। आपको जानकर हैरानी होगी कि सिर्फ दो ही दिन में ये वयस्क (Medusae) होने के बाद वापस बच्चा (Polyp) स्टेज में चली जाती है। इसके लिए इसके शरीर में खास तरह की कोशिकाएं होती हैं।
खाना और मल दोनों मुंह से ही करती है टूरिटॉप्सिस
टूरिटॉप्सिस (Turritopsis Dohrnii) मांसाहारी (carnivores) होते हैं। जूप्लैंकटॉन्स, मछली के अंडे और छोटे मोलस्क खाते हैं। इस जेलीफिश की एक और भी खास बात है, वो ये कि ये खाना और मल दोनों ही मुंह से करता है। टूरिटॉप्सिस अपने सूंड यानी टेंटिकल्स (Tenticals) से शिकार करते हैं। इन जेलीफिश का शिकार, कछुए, पेंग्विन्स ट्यूना फिश करते हैं।
साइंटिस्ट्स ने किया है रिसर्च
स्पेन के रिसर्चर्स ने टूरिटोप्सिस डोहर्नी प्रजाति की इस जेलीफिश की अमरता ((Immortal Jellyfish)) का रहस्य जानने के लिए सीक्वेंसिंग कर उन जीनोम को खोजा, है जो स्वाभाविक मृत्यू से बचाने में भूमिका निभाती है। इसमें रिसर्चर्स ने पाया कि टूरिटोप्सिस डोहर्नी के जीनोम में ऐसी विविधता है, जिससे वह अपने DNA की प्रति बनाने और उसे ठीक करने की क्षमता रखती है।
इसके साथ ही क्रोमोजोम के अंतिम छोर टेलोमर्स को भी कायम रखती है, जिससे वह कभी बूढ़ी नहीं होती। साइंटिस्ट्स का मानना है कि इस जेलीफिश का अध्ययन इंसान को अमरता दिलाने के तरीके को खोजना नहीं है, बल्कि कुछ जीवों में समय के पीछे जाने की क्षमता का अध्ययन करना है।
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