China border dispute : आजकल आप हर दिन ही सोशल मीडिया और न्यूज चैनल्स पर भारत-चीन सीमा वीवाद की खबरें, और भारतीय-चीनी सैनिकों में झड़प की खबरें देख सुन रहे होंगे। पर क्या आपको ये पता है, कि चीन की सिर्फ भारत ही नहीं बल्की कई देशों से जमीन से लकर समुद्र तक सीमा विवाद चल रहा है। चीन दुनिया के एकमात्र ऐसा देश है, जिसका अपने ज्यादातर पड़ोसी देशों से सीमा विवाद (China border dispute) चलता ही आ रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन का अपने पड़ोसी देशों के साथ 18 जगहों पर सीमा विवाद चल रहा है। चीन के बॉर्डर 14 देशों से मिलते हैं, पर इसका सीमा विवाद 22 देशों से चल रहा है।
China 35 lakh वर्ग किलोमीटर में फैले पूरे दक्षिणी चीन सागर पर अपना अधिकार जताता है। आइये जानते हैं चीन का किन-किन देशों से जमीनी और समुद्री सीमा विवाद (China border dispute) चल रहा है।
Mongolia (मंगोलिया)
मंगोलिया, चीन के साथ 4,677 km की बॉर्डर शेयर करता है, जो दोनों देशों के लिए सबसे लंबा है। मंगोलिया में मौजूद भीतरी मंगोलिया (inner Mongolia) स्वायत्त क्षेत्र (Autonomous Region) है। चीन इस पर भी अपना अधिकार जताता है। इस वजह से भीतरी मंगोलिया और चीन के बीच सीमा विवाद (border dispute) है। इसे लेकर साल 2015 में दोनों देश आमने सामने आ गए थे।
Myanmar (म्यांमार)
चीन का म्यांमार के साथ भी साल 1960 में एक समझौता हुआ था, जिसके तहत दोनों देश की 2185 km लंबी सीमा आपस में मिलती है। म्यांमार, china पर सीमा विवाद खड़ा करने और आतंकी संगठनों को उसके खिलाफ भड़काने का आरोप लगाता आ रहा है।
Bhutan (भूटान)
भूटान-चीन के बीच नया विवाद पूर्वी भूटान में स्थित सतेंग अभयारण्य को लेकर है। दोनों देश 495 वर्ग किलोमीटर के विवादित क्षेत्र के साथ लगभग 470 Km की सीमा शेयर करते हैं। चीन ने खुद पांच जुलाई 2020 को भूटान के साथ सीमा विवाद की बात स्वीकार की थी।
Nepal (नेपाल)
अरुणाचल प्रदेश के McMahon Line की तरह, नेपाल के कुछ हिस्सों को चीन तिब्बत का क्षेत्र बताकर अपना हिस्सा होने का दावा करता है। इसी साल जून में चीन ने नेपाल के रूई गांव को तिब्बत का हिस्सा बताते हुए कब्जा कर लिया था। China और Nepal 1,415 km की सीमा शेयर करते हैं, जसे 1961 की ट्रीटी के अनुसार, सीमांकित किया गया था। चीन नेपाल की माउंट एवरेस्ट चोटी को भी अपना हिस्सा बताता रहा है और वहां अपना 5G नेटवर्क उपकरण लगाने की तैयारी में है।
Laos (लाओस)
1991 में हुई हस्ताक्षरित सीमा ट्रीटी के आधार पर लाओस के साथ चीन 505 किमी की सीमा, शेयर करता है। इसके बाद भी चीन लाओस के कुछ हिस्सों पर आज भी अपना दावा करता है। ताइवान की तरह चीन लाओस को भी अपने देश का हिस्सा बताता है।
Tibet (तिब्बत)
चीन का भूमि विवाद काफी पुराना है। चीन ने साल 1950 में इस देश पर कब्जा कर लिया। चीन तिब्बत के 12.28 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को नियंत्रित करता है। उसके बाद तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा और उनके अनुयायियों को जान बचाने के लिए भारत में शरण लेनी पड़ी थी।
East Turkistan (इस्ट तुर्किस्तान)
चीन ने साल 1949 में पूर्वी तुर्किस्तान पर कब्जा कर लिया था। वो इसे शिनजियांग प्रांत के नाम से अपने देश का ही हिस्सा बताता रहा है। तिब्बत प्रांत की तरह ही शिनजियांग को भी चीन ने स्वायत क्षेत्र घोषित कर रखा है।इसके अलावा जापान, इंडोनेशिया, सिंगापोर से भी चीन का सीमा विवाद (China border dispute) चल रहा है।
south china sea को लेकर चीन का इन देशों से चल रहा समुद्री सीमा विवाद
भारत के बाद अगर चीन का कहीं सबसे ज्यादा विवाद है तो वह दक्षिणी चीन सागर है। यहां China से सटे समुद्री इलाके में दो विवादित क्षेत्र हैं। पहले में चीन, ताइवान, मलेशिया, फिलीपींस, वियतनाम और ब्रुनेई की समुद्री सीमाएं शामिल हैं। दूसरे में चीन, ताइवान और वियतनाम का समुद्री इलाका शामिल है।
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Courtesy – Dainik Jagran