2000 rupee notes : संसद के शीतकालीन सत्र में राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी जो बिहार के पूर्व वित्तमंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि सरकार को 2000 के नोटों (2000 rupee notes) को वापस मंगा लेना चाहिये। मगर उन्होंने इतनी बड़ी बात आखिर क्यों कही। और लोगों से 2000 रुपये के नोट को वापस मंगा लेना चाहिये, इसका मतलब क्या है। क्या 500 और 1000 के नोट के बाद अब 2000 के नोट भी नल एंड वॉयड (Null and Void) यानी बैन होने वाले हैं।
सुशील मोदी ने Zero Hour में क्या कहा –
दरअसल, 2016 में नोटबंदी के बाद बाजार में नकदी सप्लाई बढ़ाने के लिए सरकार 2000 रुपये का नोट लेकर आई थी। अब इसे वापस लाने की मांग शुरु हो गई है। सुशील कुमार मोदी ने संसद के Zero Hour के दौरान कहा कि 2000 रुपये के नोट का मतलब ब्लैक मनी हो गया है। इसका इस्तेमाल सिर्फ अवैध व्यापार में हो रहा है। कुछ जगहों पर ये ब्लैक में मिल रहा है। ड्रग, मनी लॉन्ड्रिंग, क्राइम, टेरर फंडिंग जैसे- अपराध में cash के लिए बड़े पैमाने पर 2000 के नोट का इस्तेमाल हो रहा है।
अफवाह भी उड़ रहे
6 साल पहले 8 नवंबर 2016 को मोदी सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को रद्द कर दिया था। इसके बाद RBI ने 2,000 रुपये का नोट लॉन्च किया। लेकिन अब 2000 के नोट के दर्शन ही नहीं होते। कई रिपोर्ट्स की माने तो 2019 से 2000 के नोट छप ही नहीं रहे हैं। इसके अलावा बाजार में 2000 रुपये के नोट (2000 rupee notes) की लीगल टेंडर खत्म होने की अफवाह उड़ने लगी है।
2000 के जाली नोट भी मार्केट में आ गए हैं ?
ऐसा माना जा रहा है कि 2000 रुपये के नोट की जमाखोरी हो रही है। और बाजार में 2000 के नोट के जाली नोट आ चुके हैं। ये सब कुछ सुशील कुमार मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र में कहा है। तो बड़ा सवाल ये उठता है 2000 के बड़े-बड़े गुलाबी नोट आखिर कहां गायब हैं।
2019 से नहीं हो रही 2000 के नोट की प्रिंटिंग
दिसंबर 2021 में शीतकालीन सत्र में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने संसद को बताया था कि 2018-19 के बाद से 2000 के नोट की प्रिंटिंग फ्रेश ऑर्डर से नहीं की जा रही है, जिसके चलते 2000 के नोटों (2000 rupee notes) की संख्या में कमी आई है। RBI ने भी माना था कि देश में 2000 के नोट के सर्कुलेशन में भारी कमी आई है। RBI ने अपने एनुअल रिपोर्ट में कहा- 2020-2021 में कुल करेंसी सर्कुलेशन में 2000 के नोट की हिस्सादारी 17.3 परसेंट थी, जो कि घटकर अब 13.8 परसेंट रह गई है।
घटती गई 2000 के नोट की सर्कुलेशन
2019 से 2020 में दो हजार रुपये के नोट के पांच लाख सैतालीस हजार नौ सौ बावन रुपये लाख करोड़ (5.48 lakh crore) सर्कुलेशन में थे और कुल नोटों की 42.6 फीसदी हिस्सेदारी थी। 20-21 में घटकर यही नोट 4.90 lakh crore हो गए। और 2021-2022 में ये और घटकर 4.28 lakh crore हो गए।
आप के पास कितने 2000 के नोट हैं, भइया –
तो कहने का मतलब ये है कि, अगर आपके पास भी 2000 रुपये वाले गुलाबी सुंदर नोट हैं तो थोड़ा अलर्ट रहें भइया, क्या पता सरकार कब ब्लैक मनी को फिर से निकालने के लिए इसे वापस न मांग ले। फिलहाल, सरकार ने अपनी तरफ से ऐसी कोई सूचना नहीं दी है न ही कोई अनाउंस्मेंट किया है। पर 2000 के नोट को लेकर उड़ रहे इतना हल्ला और बवाल के बाद आगे क्या होगा, ये समझना उतना आसान नहीं है।
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