Blank Page Revolution : चीन में इन दिनों लगातार विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। लोग हाथों में ब्लैंक पेज यानी सादा पन्ना लिये धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसे ब्लैंक पेज रेवोल्यूशन (Blank Page Revolution) का नाम दिया गया है। पर चीन की जनता ऐसा क्यों कर रही है, आखिर किस बात पर चीन की जनता में इतना गुस्सा भरा है। चलिये समझते हैं ब्लैंक पेज रेवोल्यूशन के पीछे का कारण।
China में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के केस
चीन में बीते दिनों, कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं और सरकार ने अपनी जीरो कोविड पॉलिसी को पूरे देश में सख्ती के साथ लागू कर दिया है। चीन के उन क्षेत्रों में कड़ाई और ज्यादा बढ़ा दी गई, जहां कोविड के मामले ज्यादा मिले हैं। सख्त प्रतिबंधों के कारण लोगों की लाइवलीवुड पर भी असर पड़ा और यही कारण है कि पूरे चीन में भयानक विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
क्यों ब्लैंक पेपर दिखाकर लोग कर रहे विरोध
शांघाई से लेकर बीजिंग और वुहांग से शिंजियांग तक प्रदर्शन की आग सी फैली हुई है। इस प्रदर्शन में लोग ब्लैंक पेज लेकर पहुंच रहे हैं। लोग ब्लैंक A4 पेपर हाथों में लेकर रैली निकाल रहे हैं। लोग सिर्फ ब्लैंक पेज को दिखाकर सरकार का विरोध कर रहे हैं। लोगों का ऐसा मानना है कि सिर्फ कोरे कागज (Blank Page) पकड़ने पर सरकार उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती, और यही कारण है कि लोग इस तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
कहां से शुरु हुई विरोध प्रदर्शन की शुरुआत
Blank Page Revolution के अलावा लोग इसे वाइट पेपर रेवोल्यूशन और A4 रेवोल्यूशन भी कह रहे हैं। पर ये सब शुरु कैसे हुआ, तो चलिए ये भी जानते हैं। दरअसल पिछले महीने नंवबर में शिंजियांग के एक बिल्डिंग में आग लगने से 10 लोगों की मौत हो गई, जो करीब 100 दिनों से बंद थें। लोगों ने इस मौत का जिम्मेदार चीन में लगे लॉकडाउन और वहां की सरकार को ठहराया। तब चीनी अधिकारी ने इस घटना के लिए वहां के निवासियों को ही दोषी ठहरा दिया।
पहले भी हो चुका है ब्लैंक पेज रेवोल्यूशन
यहीं से शुरु हुआ विरोध और बवाल। शिंजियांग से शुरू होकर ये विरोध धीरे धीरे बीजिंग, शांघाई जैसे शहरों में भी फैल गया। अब विरोध के तो कई तरीके है पर लोग A4 पेपर लेकर ही सड़कों पर क्यों उतर रहे हैं। तो इसके पीछे भी एक कारण है, दरअसल वाइट पेपर को कुछ जगह सिंबल माना जाता है ‘Lack of free speech in the country’ । ब्लैंक पेज रेवोल्यूशन (Blank Page Revolution) कई बार पहले भी हो चुके हैं। इससे पहले 2020 में हॉन्ग कॉन्ग में भी ये रेवोल्यूशन हुआ था। मॉस्को में भी वाइट पेपर विरोध किया गया था, जब यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध छिड़ी थी।
Follow our page on Facebook, Twitter and Instagram for more amazing facts, trending topics and News Updates.