No Money For Terror 2022 : आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र समिति की बैठक में पाकिस्तान में मौजूद आतंकी नेटवर्क के खतरे के लिए दुनिया को आगाह करने के बाद इस हफ्ते दिल्ली में आतंकी फंडिंग (Terror Funding) रोकने के उपायों पर चर्चा के लिए दुनिया के 75 देशों का ‘No Money For Terror’ सम्मेलन होने जा रहा है। दरअसल, पाकिस्तान के फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की वॉच लिस्ट से बाहर आने के बाद बॉर्डर पार से आतंकी फंडिंग बढ़ने की आशंका को देखते हुए भारत इसके खिलाफ ग्लोबल हेल्प बढ़ाने की कोशिशों में लग गया है।
पाकिस्तान को FATF की वॉच लिस्ट से कर दिया गया है बाहर
पिछले महीने FATF की बैठक में पाकिस्तान को वॉच लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। अब जाहिर है वॉच लिस्ट से बाहर होने के बाद पाकिस्तान में भारत विरोधी आतंकी संगठनों की फंडिंग बढ़ने और सक्रियता भी बढ़ने की आशंका बढ़ गई है। और भारत को इसके सुबूत भी मिलने लगे हैं।
आतंकियों के लिए न हो कोई सेफ ठिकाना
अब पाकिस्तान में आतंकी फंडिंग (Terror Funding) को बढ़ने से रोकना और आतंकी संगठनों की हरकतों को कंट्रोल करना भारत का प्राइम एजेंडा है। यही कारण है कि इंटरपोल की बैठक में PM नरेंद्र मोदी ने दुनिया को आगाह किया था कि आतंक और आतंकियों के लिए कहीं भी सेफ ठिकाना नहीं होना चाहिये।
75 देश लेंगे हिस्सा
इस हफ्ते शुक्रवार और शनिवार को No Money For Terror पर होने जा रहे ग्लोबल कॉन्फ्रेंस में आतंकी फंडिंग (Terror Funding) के सभी आयामों और उसे रोकने के तरीकों पर चर्चा होगी। अगर, आतंकी फंडिंग के खिलाफ वैश्विक माहौल बनता है और उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए सभी देश एकजुट होते हैं, तो पाकिस्तान के लिए इसे बढ़ावा देना मुश्किल होगा। दिल्ली में होने जा रहे No Money For Terror 2022 की बैठक में कुल 75 देश हिस्सा लेंगे।
वॉच लिस्ट में आने से आतंकी गतिविधियों में कमी-
दरअसल भारत में बॉर्डर पर से संचालित आतंकी गतिविधियों के आंकड़ों से साफ है कि पाकिस्तान के 2017 में FATF की वॉच लिस्ट में आने के बाद से इसमें कमी आई थी।
पाकिस्तान के भीतर आतंकी शिविरों की संख्या में भी 75 परसेंट की कमी देखी गई।
यही, नहीं भारत के भीतर कश्मीर में जहां 2016 में 15 बड़े आतंकी हमलों में सुरक्षा बलों के 60 जवान और 33 विदेशी, आतंकी हमले में मारे गए थे। 2017 में यह संख्या आधी रह गई थी।
2018 में बड़े आतंकी हमलों की संख्या तीन, 2019 में एक और 2020 में जीरो तक पहुंच गई थी। 2021 और 2022 में तीन और एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) क्या है
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स, FATF एक इंटर गवर्नमेंटल ऑर्गेनाइजेशन है। इसका काम इंटरनेशनल लेवल पर मनी लॉन्ड्रिंग, मास डेस्ट्रक्शन के हथियारों के प्रसार और टेरर फंडिंग पर निगाह रखना है। FATF को G7 देशों की पहल पर 1989 में Paris में बनाया गया था।
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