INS Vikrant : 20 हजार करोड़ की लागत से बने देश के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर ‘आईएनएस विक्रांत‘ (INS Vikrant) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना को सौंप दिया है। INS विक्रांत देश के समुद्री इतिहास में बनाया गया अब तक का सबसे बड़ा जहाज है। वहीं ये दुनिया का सातवां सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट है। INS विक्रांत को साल 2009 में बनाना शुरू किया गया था, 13 साल के लंबे इंतजार के बाद यह नौसेना को सौंप दिया गया। इसी के साथ भारत अब उन देशों कि लिस्ट में शामिल हो जाएगा जो युद्धपोत बनाने में सक्षम हैं। INS विक्रांत 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है।
इस मौके पर PM मोदी ने कहा कि, INS विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है, अपनी एक विकासयात्रा भी है। ये स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है। इसके एयरबेस में जो स्टील लगी है, वो स्टील भी स्वदेशी है। पीएम ने कहा– आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है विक्रांत। आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है विक्रांत।
आइये जानते हैं INS विक्रांत की क्या है खूबियां
INS विक्रांत पर 30 विमानों का समूह रह सकता है। मिग-29 के लड़ाकू विमान, कामोव-31 हेलीकॉप्टर्स, एमएच-60आर मल्टी रोल हेलीकॉप्टर्स और हल्के लड़ाकू विमान शामिल हैं। इस कैरियर पर ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात हो सकेगी। इसके अलावा 15 डेक, मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल, पूल। इसमें महिला अफसरों के लिए स्पेशल केबिन बनाया गया है। इसके फ्लाइट डेक का आकार फुटबॉल के दो मैदानों के बराबर है।
भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर के ही नाम पर रखा गया नाम
INS विक्रांत का वजन 40,000 टन है और लंबाई 262 मीटर है। इसकी चौड़ाई 62 मीटर है। विमानवाहक पोत के 2,300 डिब्बों में 1,700 नाविकों के लिए जगह है। सबसे खास बात ये है कि इसका नाम भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर के ही नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी।
आधुनिक मेडिकल कॉम्पलेक्स, डेंटल और आइसोलेशन की भी सुविधाएं
इस विशाल जहाज में कुल 18 फ्लोर हैं। इसके मेडिकल कॉम्प्लैक्स में आधुनिक ऑपरेशन थिएटर के साथ 16 बेड मौजूद हैं। इसके अलावा INS Vikrant में फिजियोथैरेपी क्लीनिक, आईसीयू, पैथोलॉजी, सीटी स्कैनर और एक्स-रे मशीनों के साथ रेडियोलॉजी विंग, डेंटल और आइसोलेशन की भी सुविधाएं हैं।
76 फीसदी स्वदेशी चीजों का इस्तेमाल
INS विक्रांत के निर्माण में 76 फीसदी स्वदेशी चीजों का इस्तेमाल हुआ है। 20 हजार करोड़ रुपये में INS विक्रांत को तैयार करने में 2 हजार सीएसएल कर्मी और अप्रत्यक्ष रूप से 13 हजार अन्य लोग भी शामिल रहे। इसमें एक बेहतरीन रसोईघर भी है जो कई तरह के मेनू परोस सकता है। इसकी एक यूनिट भी है जो हर घंटे 3 हजार रोटियां बना सकती है।
अमेरिका, रूस, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम और चीन के साथ अब भारत का भी नाम एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने की लिस्ट में शामिल हो गया है। नौसेना के अनुसार, आईएनएस विक्रांत पर उड़ान परीक्षण नवंबर तक शुरू होने वाला है और एयरक्रॉफ्ट कैरियर का 2023 के बीच तक पूरी क्षमता से चालू होने की उम्मीद है।
नौसेना के नए ध्वज का भी अनावरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज INS विक्रांत के साथ नौसेना के नए ध्वज का भी अनावरण किया है। नए ध्वज के ऊपरी कैंटन पर राष्ट्रीय ध्वज है। राष्ट्रीय प्रतीक के साथ एक नीला अष्टकोणीय आकार का लंगर ऊपर की ओर है, जो नौसेना के आदर्श वाक्य के साथ ढाल पर लगाया जाता है।